Hills Headline||
उत्तर प्रदेश
जौनपुर और वाराणसी सीमा से सटे बनारस के करखियांव गांव के रहने वाले अखिलेश विश्वकर्मा ने बताया कि वर्ष 2022 में कतर में सूक वाकिफ़ के एक होटल में दोस्त की बर्थ डे पार्टी में गया था. वहां पर इटली की विदेशी युवती तानिया पबलिको से परिचय हुआ, दोनों की दोस्ती शुरू हुई
और प्यार में तब्दील हो गयी
बताया जा रहा है कि बनारस जिले के गांव के युवक ने इटली की रहने वाली एक युवती की मांग में सिंदूर भरकर शादी कर ली जौनपुर के जलालपुर थाना इलाके के त्रिलोचन महादेव शिव मंदिर परिसर में युवक ने इटली की रहने वाली एक युवती की मांग में सिंदूर भरकर बाबा भोलेनाथ का आशीर्वाद लिया. पूरे परिवार की रजामंदी से हिन्दू-रीति रिवाज से विवाह की रस्मों को पुजारियों ने पूरे वैदिक मंत्रोच्चार के साथ संपन्न कराया. विदेशी दुल्हन को देखने के लिए यहां मंदिर परिसर में भारी संख्या में लोग जुट गये थे. वाराणसी जिले के फूलपुर के करखियांव गांव का रहने वाला युवक अखिलेश विश्वकर्मा होटल मैनेजमेंट का कोर्स करने के बाद 2016 से कतर एयरवेज में केब्रिन क्रू मेंबर की नौकरी कर रहा है.
मीडिया जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि गांव निवासी अखिलेश विश्वकर्मा ने बताया कि 2022 में कतर में सूक वाकिफ़ के एक होटल में दोस्त की बर्थ डे पार्टी में गया था. वहां पर इटली की विदेशी युवती तानिया पबलिकों से परिचय हुआ जो बाद में मेरी नजदीकी मित्र बन गई. इसके बाद उन दोनों की कई मुलाकातें हुईं और दोस्ती परवान चढ़ी. फिर यह रिश्ता प्यार में बदल गया.
अखिलेश ने बताया कि इसके बाद हम दोनों ने एक तीसरे देश में जाकर शादी करने का निर्णय लिया. इसके बाद इसी साल 1 मार्च 2023 को हम दोनों ने अपने मित्रों की मौजूदगी में यूरोप जाकर जॉर्जिया देश की राजधानी त्बिलिसी में वहां के कानून के मुताबिक कोर्ट मैरिज कर ली.
मीडिया जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि अखिलेश ने बताया कि जब मेरी पहली मुलाकात तानिया पबलिको से हुई थी, तब वह कतर के एक स्कूल में इंग्लिश टीचर थी. आज भी वह वहीं पर नौकरी कर रही है. उसकी इच्छा मेरी जन्मस्थली काशी देखने की थी. फिर उसका एन्ट्री वीजा बनवाया गया और फिर हम लोग अपने देश और अपने गांव आ गए. गांव और यहां के लोगों का रहन-सहन इटली की तानिया को बहुत भा रहा है.
जल्द भारत की नागरिकता चाहती है तानिया
वहीं तानिया चाहती है कि उसे जल्द ही भारत की नागरिकता मिल जाए. इसके लिए करीब दो साल बाद तानिया का ओसीआई कार्ड बनेगा. वोट देने का अधिकार छोड़कर एक भारतीय होने का सारा अधिकार उसको मिल जायेगा.