कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने कहा ने केरला स्टोरी फिल्म समाज में जागरूकता का एक सशक्त माध्यम है। फिल्म को देखने के बाद उनका स्पष्ट मानना है कि इस तरह की स्थिति से निपटने के लिए समाज में बेटियों एवं महिलाओं को बहुत सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
युवक और युवतियां अपनी संस्कृति को समझ सकें और किसी ट्रैप में न फंसे इसके लिए द केरला स्टोरी फिल्म को देश के हर महाविद्यालय और विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम में दिखाया जाना चाहिए। यह कहना है महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य का। उन्होंने यह बात देहरादून के एक सिनेमा हॉल में विभाग की अधिकारियों संग फिल्म देखने के बाद कही।
कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने फिल्म देखने के बाद कहा कि यह एक फिल्म मात्र नहीं हैं, बल्कि वर्तमान में स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाली घातक घटनाओं का स्वरूप है। मंत्री ने कहा फिल्म समाज में जागरूकता का एक सशक्त माध्यम है।
महिलाएं अपने को मानसिक रूप से करें मजबूत
इस फिल्म को देखने के बाद उनका स्पष्ट मानना है कि इस तरह की स्थिति से निपटने के लिए समाज में बेटियों एवं महिलाओं को बहुत सावधानी बरतने की आवश्यकता है। ऐसे मुद्दे पर यदि वे समय रहते जागरूक होंगी तो खुद को और समाज को सुरक्षित कर आदर्श राष्ट्र के निर्माण में अपना सहयोग दे सकेंगी।
मंत्री ने कहा कि इस फिल्म को देखकर वह स्तब्ध हैं। कहा कि हमें बालिकाओं एवं महिलाओं को प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्रोत्साहित करने की जरूरत है। किशोरियां एवं महिलाएं अपने को मानसिक रूप से मजबूत करें और समाज विरोधी घटनाओं से सतर्क रहें।
फिल्म देखने के बाद उन्होंने महिलाओं को सैनिटरी नैपकिन बंटवाई। मंत्री के साथ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना एवं महिला सशक्तीकरण विभाग के अधिकारी मौजूद रहे। बीते दिनों मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी परिवार के साथ इस फिल्म को देखा था। फिल्म देखने के बाद सीएम का कहना था बिना गोली और बम के देश में आतंकवाद फैलाया जा रहा है।