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अलविदा !!नही रहे उक्रांद नेता महेंद्र सिंह रावत ,तीन दिन पहले ही बता दिया था अब जाने का समय आ गया !

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(लमगड़ा)अल्मोड़ा


लमगड़ा निवासी महेन्द्र सिंह रावत उर्फ महेंद्र दा ने मात्र 43 साल की उम्र में ही  दुनिया को अलविदा कह दिया है ! वे अपने पीछे पत्नी के अलावा एक बेटा  व एक बेटी को  छोड़ गए. उनके निधन की खबर जैसे ही सामने आई तो लोग उन्हें भारी संख्या में सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि दे रहे हैं ! प्राप्त जानकारी के अनुसार लीवर समस्या उनकी मृत्यु का कारण बना . महेंद्र का वर्तमान निवास उधम सिंह नगर जनपद के लालपुर में था ! और पैतृक गांव लमगड़ा में है . उन्होंने अपने जीवन में बहुत संघर्ष किये स्वभाव से मिलनसार व मजाकिया थे .  बचपन में ही माँ और पिता का साया उठ गया था लेकिन उन्होंने अपने बुलंद हौसलों के सामने कभी भी इस बात का एहसास ही नही होने दिया कि महेंद्र कहीं से भी कमजोर हैं।  मुख्यतः महेंद्र सिंह रावत ने 12वीं तक की पढ़ाई राजकीय इंटर कॉलेज लमगड़ा से की . 12वीं पास करने के बाद वे  अपनी बुआ के पास  पंतनगर चले  चले गए  और  वहाँ उन्होंने अपनी आगे की पढ़ाई को जारी रखा था । रुद्रपुर  महाविद्यालय  से उन्होंने छात्र संघ चुनाव भी लड़ा और चुनाव लड़कर उप सचिव बन गये . कॉलेज की पढ़ाई पूरी होने के बाद  सिडकुल रुद्रपुर में स्थित किसी निजी कंपनी में कार्य करना शुरू कर दिया था ! लेकिन वे  फिर भी सामाजिक और राजनीति से जुड़े रहे . वे क्रांतिकारी विचार धारा के नेता थे .  अपने जीवन में वे दो बार उत्तराखंड क्रांति दल से  विधानसभा चुनाव भी लड़े हालांकि इन दोनों चुनावों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा . उन्होंने 2012 में किच्छा विधानसभा से 2017 में जागेश्वर विधानसभा से चुनाव लड़ा ! इसके अलावा वे देवभूमि जागृति फाउंडेशन के अध्यक्ष भी रहे जो सिडकुल रुद्रपुर चौक पर पहाड़ के कार्यक्रम करवाकर पहाड़ की संस्कृति का प्रचार प्रसार कर रहे थे !
.  महेंद्र सिंह रावत जैसे एक होनहार व कर्मठ व्यक्ति की भरपाई आसानी से नही हो सकती है ! महेन्द्र की मौत की खबर सुनते ही हमने उनके ही मित्र समाजसेवी मोहन पाण्डे से फोन  पर और अधिक जानकारी जुटाने की कोशिश की तो उन्होंने बताया  की मुझे मौत की जानकारी अभी नही  मिली लेकिन 3 दिन पहले महेंद्र दा से मिला बहुत हालात खराब थी  . मैंने पूछा क्या हुआ पेट बाहर क्यों निकला है और चेहरे पर क्या हुआ तो वे हँसते हुए बोले कि अब जाने का समय आ गया है. आ जा बैठ ! उन्होंने बताया कि मजाकिया स्वभाव होने के कारण मैंने उन्हें सीरियसली नही लिया !
*हिल्स हैडलाइन* एक होनहार क्रांतिकारी युवा के निधन पर श्रद्धांजलि अर्पित करता है
ॐ शांति !


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