उत्तराखंड के कैबिनेट से बड़ी खबर है मोली जिले में आपदा का दंश झेल रहे जोशीमठ के आपदा प्रभावितों के स्थायी विस्थापन और भूमि व भवन के मुआवजे के संबंध में पुनर्वास नीति पर कैबिनेट ने मुहर लगा दी है। इस कड़ी में भवन मुआवजे की दरें तय कर दी गई हैं। आवासीय भवनों का मुआवजा केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) की प्लिंथ एरिया दरों के आधार पर दिया जाएगा।
इस पॉलिसी के तहत जोशीमठ में जमीन में आई दरारों की वजह से प्रभावित हुए परिवार को मुआवजा दिया जाएगा। राज्य की तरफ से घरों और दुकानों को मुआवजा दिए जाने की घोषणा हुई है, जबकि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अथॉरिटी (NDMA) की तरफ से जमीन के मुआवजे से संबंधित रिपोर्ट का अभी भी इंतजार है।
दुकान व व्यावसायिक भवनों के मुआवजे के निर्धारण को क्षति के आधार पर पांच श्रेणियां बनाई गई हैं। दोनों ही मामलों में भवन मुआवजे को तीन-तीन विकल्प रखे गए हैं, जिन प्रभावित परिवारों के पास भूमि व भवन के स्वामित्व के वैध अभिलेख नहीं हैं, उन्हें भी पानी, बिजली, जलकर, सीवर कर आदि के बिल व शपथ पत्र के आधार पर मुआवजा दिया जाएगा।
जोशीमठ के आपदा प्रभावितों के लिए कुछ समय पहले चमोली के डीएम की ओर से भेजे गए पुनर्वास से संबंधित प्रस्ताव पर हाल में शासन स्तर पर गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक में मुहर लगाई गई थी। बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में जोशीमठ के आपदा प्रभावित परिवारों व व्यक्तियों के स्थायी पुनर्वास के लिए पुनर्वास नीति का प्रस्ताव रखा गया। विमर्श के बाद कैबिनेट ने इसे हरी झंडी दे दी।