उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में आए दिन मानव-वन्यजीव संघर्ष देखने को मिलता है, सरकार भी इसे रोकने को हर संभव प्रयास कर रही है, बावजूद इसके परिणाम शून्य ही हैं।
मानव वन्यजीव संघर्ष की एक ऐसी ही घटना पौड़ी से सुनने और देखने को मिली है। अविभाजित उत्तर प्रदेश के समय से पौड़ी, गढ़वाल की कमिश्नरी के लोगों से गुलजार रहता था और आज राज्य बनने के बाद बीरान व पलायन का दंश जीतने को मजबूर।जंगली पशु का आतंक है अब उत्तराखंड बनने के बाद।जनपद पौड़ी में गुलदार का आतंक बन गया है। लोग नरकीय जीवन जीने को विवश हैं। चौबट्टाखाल विधानसभा के नौगाँवखाल ग्राम सभा पाँथर में घास काट रही एक महिला पर गुलदार ने हमला कर दिया। हालांकि महिला ने दरांती से गुलदार पर वार कर अपनी जान बचा ली, लेकिन गुलदार के हमलों में महिला को कई चोटें आई हैं। गुलदार के हमलों के बाद से पूरे क्षेत्र में दिखावट का महौल है। लोग अँधेरे में होने से पूर्व घरों में कैद होने को मजबूर हैं।
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