आईडी तकनीकी में योग्यता रखने वाले युवाओं के बहुत ही बेहतरीन खबर है दरअसल TV 9 भारत वर्ष न्यूज के अनुसार एक तरफ विश्व में आर्थिक मंदी आहट के बीच बड़ी कंपनियां अपने कर्मचारियों की बड़े पैमाने पर अपने यहां छंटनी कर रही हैं. हालांकि, भारतीय आईटी सेक्टर किसी और ही मुद्दे पर बहस कर रहे हैं. भारतीय कंपनियों के बीच मूनलाइटिंग बड़ा मुद्दा बना हुआ है, जिसके चलते कई सारे लोगों की नौकरियां गई हैं. विप्रो, एचसीएल, टेक महिंद्रा, इंफोसिस और टीसीएस जैसी आईटी सेक्टर की दिग्गज कंपनियों Moonlighting पर अपना रुख साफ किया है. उन्होंने ऐसा करने वाले कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया है. हालांकि, इस बीच IT Sector में जॉब की तलाश कर रहे युवाओं के लिए राहत भरी खबर आई है.TV 9 भारत वर्ष न्यूज के अनुसार दरअसल इंफोसिस के को-फाउंडर क्रिस गोपालकृष्णन ने नौकरी की तलाश कर रहे युवाओं को आशा की एक किरण दिखाई है. बेंगलुरू टेक समिट के 25वें एडिशन में बात करते हुए क्रिस गोपालकृष्णन ने कहा कि भारतीय आईटी इंडस्ट्री महंगाई और अमेरिकी मंदी जैसी समस्याओं के बीच आने वाले वक्त में 2 लाख कर्मचारियों को काम पर रखेगा.
गोपालकृष्णन ने कहा, ‘भारतीय आईटी इंडस्ट्री के राजस्व में 220 बिलियन डॉलर के आधार पर 8-10% की दर से बढ़ने की उम्मीद है. AI/ML, ब्लॉकचेन, वेब 3.0, मेटावर्स के साथ टेक्नोलॉजी सेक्टर के आगे बढ़ने का दौर जारी है. यही कारण है कि मेरा मानना है कि इंडस्ट्री का विकास जारी रहेगा.’ उन्होंने इस बात का उल्लेख किया कि छंटनी बाजार में बहुत ही अल्पकालिक उतार-चढ़ाव हैं. मैं भविष्य को लेकर बहुत आशावादी हूं. इंफोसिस के को-फाउंडर ने कहा कि आईटी सेक्टर सुरक्षित तौर पर आगे बढ़ता रहेगा, क्योंकि कंपनियां मैसूर, मंगलुरु, बेलगाम और हुबली में छोटे ऑफिस खोलकर चुनौतियों से पार पा रही हैं. उन्होंने कथित तौर पर भारत के पब्लिक डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) और ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) जैसे प्राइवेट आंत्रप्रन्योर के अनूठे मॉडल की सराहना करते हुए कहा कि यह विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में लोगों के लिए तेजी से विकास और सेवाओं तक पहुंच का खाका है.हालांकि पिछले कुछ महीनों में फेसबुक, मेटा, अमेजन जैसी टॉप कंपनियों ने अपने यहां बड़े पैमाने पर लोगों की छंटनी की है.