Hills Headline

Uttarkashi Tunnel Collapse Update : लास्ट स्टेज में है रेस्क्यू,मात्र इतने मीटर का फासला बाकी,जल्द ही मिलने वाली है गुड न्यूज !!

Hills Headline||


उत्तरकाशी,उत्तराखंड!!

सिल्क्यारा सुरंग में रात खुदाई के दौरान कुछ मलबे रास्ते में आ गए थे, जिन्हें काट दिया गया. अब उम्मीद है कि मजदूर जल्द बाहर आ सकते हैं.लास्ट स्टेज में रेस्क्यू,10 मीटर का फासला बाकी, एंबुलेंस तैनात, कुछ घंटों में बाहर आएंगे मजदूर


बता दें कि उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए विभिन्न एजेंसियों का काम बुधवार को अंतिम चरण में पहुंच गया. इसके मद्देनजर एम्बुलेंस को तैयार रखा गया है और चिकित्सकों को घटनास्थल पर बुला लिया गया है.

देर शाम के घटनाक्रम में, मलबे के बीच से स्टील पाइप की ड्रिलिंग में उस समय बाधा आई जब लोहे की कुछ छड़ें ऑगर मशीन के रास्ते में आ गईं. हालांकि, अधिकारियों को उम्मीद है कि बचाव अभियान बृहस्पतिवार सुबह तक पूरा हो जाएगा. रेस्क्यू ऑपरेशन टीम के सदस्यों में से एक गिरीश सिंह रावत ने कहा कि ”रेस्क्यू ऑपरेशन लगभग आखिरी चरण में है. उम्मीद है 1-2 घंटे में नतीजे आने वाले हैं .मजदूरों को बाहर निकालने के लिए पाइपलाइन डाली जा रही है. मलबे में फंसे स्टील के टुकड़ों को काटकर हटा दिया गया है

श्रमिकों के रिश्तेदारों ने उनसे बात की

मौके पर एक हेलीकॉप्टर भी तैयार रखने की योजना थी. सुरंग में फंसे श्रमिकों के बाहर आने के बाद उनकी देखभाल के लिए चिन्यालीसौड़ में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 41 बिस्तरों का एक अस्पताल तैयार कर लिया गया. अधिकारियों ने कहा कि जिले के सभी अस्पतालों के साथ-साथ अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), ऋषिकेश भी अलर्ट पर है.

सोमवार देर रात मलबे के बीच डाली गई छह इंच की नयी पाइपलाइन के जरिये श्रमिकों के रिश्तेदारों ने उनसे बात की.

सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों में देवाशीष का साला सोनू शाह भी मौजूद थे. देवाशीष ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि मजदूर जल्द ही बाहर आएंगे. देवाशीष ने कहा, ”आज (बुधवार) हमें सुरंग के अंदर ले जाया गया और हमने अपने परिवार के सदस्यों से बात की. सोनू ने मुझसे बार-बार कहा कि अब चिंता मत करों और हम जल्द ही मिलेंगे.’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमने दिवाली पर उसे फोन किया था लेकिन संपर्क नहीं हो सका. उसके साथियों ने हमें बताया कि सोनू का मोबाइल फोन खराब हो गया था. बाद में हमने अखबार में उसका नाम देखा और पता चला कि वह सुरंग के अंदर फंसा हुआ है.’’

सिलक्यारा में शाम चार बजे संवाददाता सम्मेलन में, प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार एवं उत्तराखंड सरकार के विशेष कार्याधिकारी भास्कर खुल्बे अभियान के प्रति उत्साहित दिखे. उन्होंने बताया कि ऑगर मशीन से दोबारा ड्रिलिंग शुरू होने के बाद पिछले एक घंटे में बचाव पाइप का छह मीटर का एक और हिस्सा डाला गया.

उन्होंने स्टील पाइप के टुकड़ों को निरंतर मलबे के जरिये भीतर डालने की प्रक्रिया का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘उम्मीद है कि अगले दो-तीन घंटे वह हासिल करने के लिहाज से महत्वपूर्ण होंगे जिसका हम सभी इंतजार कर रहे हैं.’’

40 से 50 मीटर का हिस्सा ‘बहुत महत्वपूर्ण’
इससे पहले, अधिकारियों ने बताया कि सुरंग में ड्रिलिंग के दौरान 40 से 50 मीटर का हिस्सा ‘बहुत महत्वपूर्ण’ है. उन्होंने कहा, ‘‘हम इसे पार कर लें, इसके बाद हम ज्यादा विश्वास से कुछ कह सकते हैं.’’

यह पूछे जाने पर कि अभियान के पूरा होने में अब कितना समय और लगेगा, खुल्बे ने कहा था, ‘‘अगर हमें कोई अड़चन नहीं आती और हम इसी गति से चलते रहे तो हमें उम्मीद है कि हम उनके साथ बग्वाल मनाएंगे.’’ संभवतः इसका मतलब इगास है, जो दिवाली के बाद गढ़वाल क्षेत्र में मनाया जाने वाला त्योहार है. इस साल इगास बृहस्पतिवार को मनाया जाएगा.

सुरंग में ड्रिलिंग के अलावा वैकल्पिक तौर पर सुरंग के ऊपर से ड्रिलिंग करने के लिए भी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं.

सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढहा
उत्तरकाशी जिले में चारधाम यात्रा मार्ग पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था जिससे मलबे के दूसरी ओर श्रमिक फंस गए, जिन्हें निकालने के लिए युद्धस्तर पर बचाव अभियान चलाया जा रहा है.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बात करके सिलक्यारा में चल रहे बचाव कार्यों की जानकारी ली.

सोशल मीडिया पर यह जानकारी साझा करते हुए धामी ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री को केंद्रीय एजेंसियों, अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों एवं प्रदेश प्रशासन के परस्पर समन्वय के साथ संचालित बचाव कार्यों से अवगत कराया और उन्हें गत 24 घंटे में हुई सकारात्मक प्रगति एवं श्रमिकों और उनके परिजनों की बातचीत से बढ़े मनोबल की भी जानकारी दी.

मंगलवार को सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों के सकुशल होने का पहला वीडियो सामने आया जिसने उनके परिवारों की उम्मीद के साथ ही बचावकर्मियों का मनोबल भी बढ़ा दिया.

एक बयान में, सरकार ने कहा कि दूसरी ‘जीवन रेखा’ सही से काम कर रही है, जिससे सुरंग में रोटी, सब्जी, खिचड़ी, दलिया, संतरे और केले जैसे खाद्य पदार्थों की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित हो रही है.

Hills Headline

उत्तराखंड का लोकप्रिय न्यूज पोर्टल हिल्स हैडलाइन का प्रयास है कि देवभूमि उत्तराखंड के कौने – कौने की खबरों के साथ-साथ राष्ट्रीय , अंतराष्ट्रीय खबरों को निष्पक्षता व सत्यता के साथ आप तक पहुंचाएं और पहुंचा भी रहे हैं जिसके परिणाम स्वरूप आज हिल्स हैडलाइन उत्तराखंड का लोकप्रिय न्यूज पोर्टल बनने जा रहा है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button