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भुवन चंद्र जोशी ,जैंती अल्मोड़ा
सालम क्षेत्र के कुटोली गाँव के मूल निवासी व वर्तमान में हल्द्वानी में निवासरत युवा साहित्यकार योगेश बहुगुणा “योगी” को “स्व. आनंदी देवी साहित्य रत्न” से सम्मानित किया गया है। हरफनमौला साहित्यिक संस्था तथा दून कान्वेंट स्कूल के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित कार्यक्रम में योगेश बहुगुणा “योगी” को यह सम्मान दिया गया। योगेश क्षेत्र के एक उभरते हुए साहित्यकार हैं जो अपनी कविताओं से समाज में सन्देश देने का कार्य कर रहे हैं।
हमारे प्रतिनिधि से बातचीत में योगेश ने बताया कि उनका उद्देश्य अपनी कविताओं के माध्यम से समाज को जागृत करना है। एक साहित्यकार का धर्म होता है कि वो समाज में व्याप्त कुरीतियों को उजागर करे और सरकार तथा शासन प्रशासन को आइना दिखाए। इस सम्मान के लिए योगेश बहुगुणा “योगी” ने हरफनमौला साहित्यिक संस्था के संस्थापक गौरव त्रिपाठी जी और दून कान्वेंट स्कूल के प्रधानाचार्य कृष्णा जोशी जी का आभार व्यक्त किया। योगेश ने बताया कि श्री गौरव त्रिपाठी जी हल्द्वानी साहित्य पुरे कुमाऊं में बहुत मेहनत के साथ साहित्य कि लौ जलाने का कार्य कर रहे हैं।
बताते चलें कि साहित्य क्षेत्र का यह सम्मान दून कान्वेंट स्कूल के प्रधानाचार्य श्री कृष्णा जोशी की दादी स्वर्गीय आनंदी देवी की याद में शुरू किया गया है। स्व. आनंदी देवी जी का समाजसेवा तथा साहित्य से काफ़ी जुड़ाव था इसी कारण उनकी में यह साहित्य सम्मान शुरू किया गया है। इस वर्ष यह सम्मान साहित्य से जुड़े 6 साहित्यकारों और शिक्षा क्षेत्र से जुड़े 4 शिक्षकों को दिया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष प्रदीप बिष्ट, विशिष्ट अतिथि कुमाउं विश्वविद्यालय के रि. प्रोफेसर भुवन लाल साह, दून कॉन्वेंट स्कूल के डायरेक्टर पल्लव साह, भाविप के रीजनल सचिव भगवान सहाय, स्कूल के प्रधानाचार्य कृष्णा जोशी ने मां सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित करते हुए किया। मुख्य अतिथि भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष प्रदीप बिष्ट ने कहा कि समाज को सही दिशा देने में शिक्षकों और साहित्यकारों ने हमेशा से अहम भूमिका निभाई है। इसलिए ऐसी विभूतियों का सम्मान काफी आवश्यक है। इस दौरान सम्मान समारोह के संयोजक एवं प्रधानाचार्य कृष्णा जोशी ने कहा कि उनकी दादी जी स्व. आनंदी देवी एवं पिताजी स्व. जगन्नाथ जोशी की याद में यह सम्मान अब हर वर्ष दिया जाएगा।