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कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाली को शीर्ष अदालत में चुनौती दी गई है। लखनऊ के अधिवक्ता अशोक पांडेय ने अर्जी दाखिल की है। बता दें, मोदी सरनेम मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 4 अगस्त को राहुल गांधी की सजा पर रोक लगा दी थी। कोर्ट के फैसले के बाद 7 अगस्त को लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी की सदस्यता को बहाल कर दिया था।
न्यूज जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि अर्जी में कहा गया है कि अगर किसी सांसद की सदस्यता आर्टिकल 102 और 191 के तहत चली जाती है तो फिर उसे तब तक बहाल नहीं किया जा सकता जब तक ऊपरी अदालत की ओर से सांसद की सजा को खत्म नहीं किया जाता। इसके अलावा उन्हें दोबारा से काम करने की परमिशन भी लोकसभा स्पीकर की ओर से नहीं दी जा सकती है। याचिका में कहा गया है कि कोर्ट को चुनाव आयोग से वायनाड सीट पर फिर से चुनाव कराने का निर्देश देना चाहिए।
कांग्रेस नेता राहुल गाँधी द्वारा 2019 में की थी टिप्पणी
बता दें, साल 2019 में राहुल गांधी ने मोदी सरनेम पर टिप्पणी करते हुए सभी मोदी को चोर बताया था। उन्होंने कहा था कि आखिर क्यों सभी भगोड़ों और चोरों के नाम के पीछे मोदी ही क्यों लगा होता है? इस दौरान उन्होंने नीरव मोदी, ललित मोदी के नाम का जिक्र किया था। इससे आहत होकर राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया गया था। इस मामले में सूरत की अदालत ने राहुल को दोषी मानते हुए दो साल की सजा सुनाई थी। इसके अलावा सजा मिलने के बाद जनप्रतिनिधि कानून के प्रावधान के तहत राहुल की संसद सदस्यता से अयोग्य ठहरा दिया गया था।