आयुष्मान कार्ड के बाद अब केंद्र सरकार देगी देश के लोगों को डेढ़ लाख , जानकर दिल खुश हो जायेगा !
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मानव जीवन में जिस तरीके से रोटी कपड़ा का बहुत ज्यादा महत्व है ठीक उसी प्रकार स्वास्थ्य सम्बंधित सेवाओं का भी है .देश के करोड़ों लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड सौंपने के बाद अब केंद्र सरकार खोलेगी डेढ़ लाख स्वास्थ्य केंद्र, बीपी-शुगर से लेकर दिल की बीमारियों की होगी जांच हेतु खोलेगी ! दरसअल मोदी सरकार के द्वारा ब्लड प्रेशर, शुगर और हृदय रोग जैसी गंभीर बीमारियों की तुरंत ही पहचान हो, इसके लिए देश में एक अनोखा हेल्थ मॉडल तैयार करने जा रही है! जो कि देशभर में अलग-अलग राज्यों के जिलों, कस्बों और गांवों में घरों के नजदीक चंद कदम की दूरी पर होंगे। ताकि देश में लाइफस्टाइल डिजीज के दुष्प्रभाव को वक्त रहते रोका जा सके। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस बड़े विजन को पूरा करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपनी पूरी तैयारियां शुरू कर दी है। इसके अलावा देश में ड्रोन से दवा आपूर्ति और जांच सेवाओं के लिए बड़ी तैयारियां शुरू हुई हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस विजन और मिशन को पूरा करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपनी पूरी टीम देश के अलग-अलग क्षेत्रों में उतार दी है जिससे कि ब्लड प्रेशर, शुगर और हृदय रोग जैसी गंभीर बीमारी को न सिर्फ रोका जा सके बल्कि समय रहते उसका इलाज शुरू किया जा सके। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक देश में नॉन कम्युनिकेबल डिजीज रोकने के लिए एक अभियान के स्तर पर बड़ी योजनाएं और तैयारियां शुरू कर दी गई है। केंद्रीय मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि शुरुआती चरण में देश में डेढ़ लाख से अधिक ऐसे स्वास्थ्य केंद्रों को विकसित किया जा रहा है, जो कि लोगों के घरों के बिल्कुल नजदीक हों। यह स्वास्थ्य केंद्र ऐसे सेंटर के तौर पर डेवलप हो रहे हैं जहां पर ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और हृदय रोग जैसी बीमारी की तत्काल जांच की जा सके और उनका वक्त रहते हैं इलाज किया जा सके।
जानकारी के अनुसार केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि शुरुआती चरण में डेढ़ लाख से अधिक स्वास्थ्य केंद्रों को विकसित करना है केंद्र सरकार की प्रमुख प्राथमिकता में शामिल है। उसके लिए सर्वे भी किया जा चुका है और कई जगहों पर इस योजना को अमलीजामा पहनाए जाने की तैयारियां हो चुकी हैं। मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे में आए आंकड़ों में लाइफस्टाइल डिजीज से प्रभावित राज्य और जिलों में ऐसे सेंटर को प्राथमिकता पर शुरू किया जाना है। उसके बाद समूचे देश में इन सेंटर्स की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। ताकि लोगों को लाइफस्टाइल डिजीज से बचाया जा सके। सिर्फ इन सेंटर्स की संख्या नहीं बढ़ाई जाएगी बल्कि देश में 5G टेक्नोलॉजी के आने के साथ चिकित्सा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी इस तकनीकी का उपयोग किया जाना है। इसके लिए भी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने तकनीकी टीम के साथ चिकित्सा केंद्रों के साथ मिलकर बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की डिलीवरी के लिए अपनी पूरी योजना बनाई !
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