हल्द्वानी
डॉ.रेनू शरण ने कल दिनाँक 04 / 11/ 2022 के पावन पर्व के बिषय में संस्था की सुहागिनों को बताया।कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की “इगासबग्वाल” को उत्तराखंड के लोकपर्व के रूप में बूढी दिवाली मनाई जाती है।हर प्रदेश में अपनी परंपराओं के अनुसार देव उत्थान, देव एकादशी, देवउठनी,इगास,देव उठनी एकादशी दिपावली के ग्यारह दिन बाद मनाने की परम्परा है ।चार माह बाद देवों को आज के दिन उठाया जाता है।सभी शुभकार्य आज के दिन से शुरू किये जाते है।मुख्यतौर पर आज के दिन किये जाने वाले विवाह को बहुत ही शुभ माना जाता है।और तुलसी मईया शालिग्राम का विवाह पूर्ण रूप से सम्पन्न कराया।तुलसी जी के विवाह में गंन्ने का मंडप बनाया।मां का सोलह श्रंगार किया गया।शालिग्राम जी को पीलेवस्त्र पहना कर तुलसी जी का गठबंधन कर गणेश जी की आराधना के साथ विवाह में भजन कीर्तन किया।धूप, दीप,फल,फूल पान,सुपारी, मिष्ठान्न, तिल,बताशे,केले आदि से विधि विधान से विवाह सम्पन्न किया गया।उपस्थित समस्त संस्था के सम्मानित जन को डॉरेनू ने बधाइयां औरर शुभकामनाएं दीं तथा प्रशाद वितरण किया।इस पावन अवसर पर सचिव धीरज शरण, एडवोकेट बसंती बिष्ट, अल्का रस्तौगी, रामा मौर्या,रेखा,सुनीता, प्रेम, राजू संस्था के सम्मानित जन मौजूद रहे।