

सरबती देवी मैमोरियल ट्रस्ट के तत्वावधान में शस्त्र पूजनकर दूर्गा पूजा महोत्सव का हुआ समापनःडॉ.रेनू शरण
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उत्तराखण्ड, हल्द्वानी
सरबती देवी मैमोरियल ट्रस्ट के तत्वावधान में शस्त्र पूजनकर दूर्गा पूजा महोत्सव का हुआ समापनःडॉ.रेनू शरण
चौपला चौराहा स्थित अस्थायी कार्यालय पर संस्थापकः ड़ॉ. रेनू शरण ने विधि विधान से शस्त्र पूजनकर शारदीय नवरात्र पर्व पर उपस्थित मात्रशक्तियों को इस विशेष दिन के विषय में विस्तार से बताया तथा गरबा नृत्य के महत्व को बताते हुए कहा कि शारदीय नवरात्रि के शुरू आत में गरबानृत्य प्रारंभ में कच्चे घट में दीप प्रज्वलित कर उसके चारों ओर परिक्रमा करते हुए नृत्य करतेहैं गरबा का अर्थ संस्कृत भाषा का शाब्दिक अर्थ है यह प्रजनन क्षमता का जश्न माना जाता है।तथा नारित्व का सम्मान करता है और देवियों के सभी नौ रुपों का सम्मान करता है।गरबा नृत्य न सिर्फ गुजरात व राजस्थान बल्कि देश के हर कौने मे खेला जाता है गरबा खेलने की परंपरा कम से कम 15 वीं शदाब्दी से है।तथा यह अनुष्ठानिक प्रदर्शन का प्रतीक तथा देवी के उत्साह का पूर्ण हिस्सा है”गरबा” शब्द का अर्थ देवी गर्भ से है।तथा यह दो खंड़ों होता है बेताली और तरनताली दोनों ही रास है।तथा एक मान्यता यह भी है कि अशुरों का नाश करने के लिए ब्रह्मा, विश्णु एंव शिव भगवान ने अपनी सारी शक्तियों से मां दुर्गा को अपनी शक्ति प्रदान की जिसे महेश्वरी मां दुर्गा पूजा करने का विधान है तथा शस्त्र पूजन करने की परंपरा है।तथा अधर्म पर धर्म की विजय, बुराई पर अच्छाई की विजय के कारण आज का दिन विजय दशमी को रुप में मनाया जाता है।तथा उपस्थित सभी सम्मानित मात्रशक्तियों को गरबा नृत्य में प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट प्रदान कर मंगलटीका कर बधाई व शुभकामनाएं दीं।इस शुभ अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष विध्याबेन, मीना राणा, पुष्पा, रेनू रौतेला सहित ट्रस्ट के सम्मानित जन मौजूद रहे।





