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पर्यटन और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन और वन विभाग के सहयोग से युवाओं को नेचर टूरिस्ट गाइड का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। नौ जिलों में अब तक 410 युवाओं को गाइड का प्रशिक्षण दिया गया। जो वर्ड वाचिंग, सफारी, ट्रेकिंग, माउंटेरिंग समेत पर्यटकों को जंगलों की सैर कराने में मार्गदर्शन करेंगे।
बता दें कि देश-दुनिया से उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों को बेहतर सेवाएं और मार्गदर्शन करने और स्थानीय युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए पर्यटन विभाग की ओर से युवाओं को नेचर, हैरिटेज गाइड का प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया गया है। पर्यटन, वन विभाग के साथ नेशनल काउंसिल वोकेशनल ट्रेनिंग (एनसीवीटी) के सहयोग से नेचर टूरिस्ट गाइड का प्रशिक्षण प्रत्येक जिले में आयोजित किया जा रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अब तक नौ जिलों में प्रशिक्षण कार्यक्रम में 410 युवाओं को नेचर टूरिस्ट गाइड की ट्रेनिंग दी गई है। जबकि पिथौरागढ़ के मुनस्यारी, चंपावत के नंदौर, उत्तरकाशी जिले के सांकरी में प्रशिक्षण कैंप आयोजित किया जाना है।
टूरिस्ट एंड हॉस्पिटेलिटी काउंसिल की ओर से नेचर टूरिस्ट गाइड प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रदेश प्रभारी दिनेश ढींगरा ने बताया कि उत्तराखंड में पर्यटन गतिविधियों में रोजगार की काफी संभावनाएं हैं।
प्रदेश में वर्ड वाचिंग, सफारी, ट्रेकिंग, माउंटेरिंग के लिए देश-दुनिया से पर्यटक आते हैं। इन पर्यटकों को गाइड की जरूरत होती है। पहली बार प्रदेश में नेचर टूरिस्ट गाइड का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षित युवाओं को एनसीवीटी के माध्यम से नेचर गाइड का सर्टिफिकेट दिया जा रहा है। जो पर्यटकों को सेवाएं देने के लिए अधिकृत होंगे।
न्यूज रिपोर्ट्स के अनुसार आपको बता दें कि अपर निदेशक पर्यटन पूनम चंद ने बताया कि पर्यटन क्षेत्र में युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्रत्येक जिले में प्रशिक्षण कैंप लगाकर नेचर और हैरिटेज टूरिस्ट गाइड तैयार किए जा रहे हैं। इससे गाइडों के माध्यम से पर्यटकों को उत्तराखंड के खूबसूरत पर्यटन स्थलों के साथ यहां की सांस्कृतिक विरासत के बारे में जानकारी मिल सकेगी।
और स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा !