Hills Headline||
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सोशल मीडिया पर इन दिनों एक संदेश धड़ल्ले से वायरल हो था है जिसे लोग बिना सोचे समझे शेयर कर रहे हैं , इस संदेश को लेकर खूब फर्जी किस्से गाड़े गए हैं इससे पहले भी देश में कई संदेश ऐसे वायरल हो चुके हैं जिन्हें हम
सत्य समझकर वायरल करने मे लग जाते हैं . और खुद को देश का जागरूक नागरिक समझने जाते हैं लेकिन हमें पता नही
ऐसे संदेशों बिना सोचे समझकर
हम जागरूक तो नही हो सकते हैं लेकिन भेड़चाल का हिस्सा बनकर देश के लोगों को गुमराह जरूर कर सकते हैं
इससे पहले भी ऐसे संदेश कई देखे गए हैं
जिसमें इस तरह के मैसेज होते हैं
“10 लोगों को भेजो अच्छी खबर मिलेगी “
“अंबानी देश के लोगों को फ्री रिचार्ज दे रहे हैं “
ऐसे मैसेज आज से नही जब देश सोशल मीडिया आया तब से हो रहे हैं
मगर आज तक किसी भी यूजर को ऐसे मैसेज वायरल करने से कुछ भी फायदा हुआ तो कमेंट करके हमें भी बता दें अन्यथा निवेदन है ऐसे संदेशों को वायरल ना करें
फिहलाल अभी एक संदेश बड़े तेजी से वायरल हो रहा है
इसमें
याद रखें कि कल से नया फेसबुक नियम (उर्फ… नया नाम मेटा) शुरू हो रहा है, जहां वे आपकी तस्वीरों का उपयोग कर सकते हैं। मत भूलो कि अंतिम तिथि आज है!!! मैं फेसबुक या फेसबुक से जुड़ी किसी भी इकाई को अपने अतीत और भविष्य के चित्रों, सूचनाओं, संदेशों या प्रकाशनों का उपयोग करने की अनुमति नहीं देता।
इस बयान के साथ, मैं फेसबुक को सूचित करता हूं कि इस प्रोफ़ाइल और/या इसकी सामग्री के आधार पर मेरे खिलाफ खुलासा, प्रतिलिपि, वितरण या कोई अन्य कार्रवाई करना सख्त वर्जित है। निजता का उल्लंघन करने पर कानून द्वारा दंडित किया जा सकता है
यदि आप चाहें तो आप इस संस्करण को कॉपी और पेस्ट कर सकते हैं। यदि आप कम से कम एक बार कोई बयान प्रकाशित नहीं करते हैं तो यह चुपचाप आपकी तस्वीरों के उपयोग की अनुमति देगा, साथ ही आपकी प्रोफ़ाइल और स्थिति अपडेट में मौजूद जानकारी भी।
सांझा ना करें। कॉपी और पेस्ट।
आगे बढ़ने का तरीका यहां बताया गया है:
इस संदेश में कहीं भी अपनी उंगली रखें और “कॉपी” दिखाई देगा। “कॉपी करें” पर क्लिक करें। फिर अपने पेज पर जाएं, एक नई पोस्ट बनाएं और रिक्त फ़ील्ड में कहीं भी अपनी उंगली रखें। ‘पेस्ट’ पॉप अप होगा और पेस्ट पर क्लिक करें।
यह सिस्टम को बायपास कर देगा….
जो कुछ नहीं करता, वह जाहिर तौर पर सहमत होता है।
इस लंबे चौड़े मैसेज को सही मानकर लोग इसे कॉपी-पेस्ट करने में जुट गए. टाइमलाइन देखी तो इस मैसेज की रेल बन चुकी थी. वॉट्सएप यूनिवर्सिटी से पीएचडी करने वालों से लेकर पढ़े-लिखे लोगों तक, हर कोई इस मैसेज के माध्यम से फेसबुक को फरमान जारी कर रहा था कि खबरदार जो आपने हमारी जानकारी कहीं लीक कर दी. लोगों ने इस काम को निपटाकर ऐसा फील किया मानों उन्होंने किसी त्रासदी को आने से टाल दिया हो. अगर यही काम उन्होंने इस वायरल मैसेज की सच्चाई जानने के लिए किया होता तो शायद इसकी नौबत नहीं आती.
फैक्ट चेक
सबसे पहले स्पष्ट कर दें कि इंटरनेट पर जांच-पड़ताल के बाद हमें इस तरह की कोई खबर नहीं मिली और न ही फेसबुक की ओर से जारी किया गया बयान मिला जिससे की यह पुष्टि होती हो कि फेसबुक अपनी प्राइवेसी पॉलिसी बदलने जा रहा है. फेसबुक पर वायरल हो रहा यह वायरल मैसेज एकदम फर्जी है. यह पहला मौका नहीं है, इसे पहले भी इसे कोविड से लेकर अलग-अलग समय पर सप्लाई किया जाता है. वक्त के साथ लोग इसे भूल जाते हैं और इसके बाद ऐसे फर्जी मैसेज का जिन्न दोबारा निकल आता है. Zee News के अनुसार आपको बता दें कि 2012 में फेसबुक ने इसका खंडन भी किया था. फेसबुक के न्यूजरूम सेक्शन में 27 नवंबर, 2012 का बयान है, जिसमें फेसबुक ने इस तरह के वायरल मैसेज को अफवाह बताया है.
अगर आप वाकई प्राइवेसी को लेकर इतने ज्यादा चिंतित हैं तो कॉपी-पेस्ट के चक्कर में न पड़कर उसके बारे में जानने की कोशिश करें. आपके स्मार्टफोन में ही न जाने कितने ऐसे थर्ड पार्टी एप होंगे, जिनकी टर्म एंड कंडीशन को पढ़े बिना उनको आपनी जानकारियां साझा कर रखी होंगी.
कृपया खबर को शेयर करें , खुद भी जागरूक बनें और लोगों को भी ……