

भुवन चन्द्र जोशी

स्याल्दे(अल्मोड़ा)
स्याल्दे में ब्लॉक प्रमुख ने बीडीओ सहित अन्य कर्मियों पर विकास कार्यों में सहयोग न करने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ मोर्चा खोला है। उन्होंने कई बीडीसी सदस्यों के साथ विकासखंड कार्यालय पहुंचकर तालाबंदी की और धरना दिया। कहा कि बीडीओ के इशारे पर कर्मचारी उन्हें सहयोग नहीं कर रहे हैं जिससे विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं जो जनता के हित में ठीक नहीं है।
शुक्रवार को ब्लॉक प्रमुख करिश्मा और कई बीडीसी सदस्य विकासखंड कार्यालय पहुंचे और कर्मचारियों को बाहर निकालकर वहां ताले लगा दिए। इसके बाद वे कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए। प्रमुख ने आरोप लगाते हुए कहा कि विकासखंड के अंतर्गत होने वाली निविदाओं, ग्राम पंचायतों की खुली बैठकों के रोस्टर की प्रतिलिपि उन्हें नहीं दी जाती।
क्षेत्र पंचायतों में विकास कार्यों को जानबूझकर विलंब किया जा रहा है। राज्य और 15 वें वित्त के कार्यों की फाइल समय पर न बनाकर बीडीसी सदस्यों को गुमराह किया जा रहा है। बीडीओ और अन्य कर्मियों की इस लापरवाही और अनदेखी से विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं और उनकी और बीडीसी सदस्यों की छवि धूमिल हो रही है।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि बीडीओ ने निविदा प्रपत्र में छेड़छाड़ कर इसकी दर कम कर दी जो अपराध है। इस दौरान उन्होंने कार्यालय प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारे लगाए। सूचना पर पहुंचे तहसीलदार दीवान गिरी को ब्लॉक प्रमुख और बीडीसी सदस्यों ने ज्ञापन देकर इस पूरे मामले की जांच की मांग की। तहसीलदार के आश्वासन पर ब्लॉक प्रमुख और बीडीसी सदस्य धरने से उठे।
इस मौके पर ज्येष्ठ उप प्रमुख मुकेश भट्ट, बीडीसी सदस्य सुरेंद्र नेगी, भगत सिंह नेगी, कुंवर सिंह कठायत, भूपाल सिंह, सुनील टम्टा, उमेद सिंह, प्रकाश नेगी, देवेंद्र मनराल, आनंद सिंह रावत,
अधिकारियों के न आने पर नाराजगी जताई
स्याल्दे। तालाबंदी से पूर्व ब्लॉक प्रमुख और बीडीसी सदस्यों ने सभागार में अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ बैठक की। प्रमुख करिश्मा ने कहा कि अधिकारी उन्हें सहयोग न कर उनके अधिकारों का हनन कर रहे हैं। वहीं बीडीओ बहादुर सिंह देव ने भी नियमानुसार कार्य संपादित करने की बात कही। लेकिन सूचना के बाद भी वार्ता के लिए किसी उच्चाधिकारी के विकासखंड न पहुंचने पर ब्लॉक प्रमुख और बीडीसी सदस्य आक्रोशित हो उठे और तालाबंदी कर दी।

कामकाज रहा प्रभावित
स्याल्दे। ब्लॉक प्रमुख और बीडीसी सदस्यों ने कर्मियों को बाहर निकालकर कार्यालय में तालाबंदी कर दी और बाहर धरने पर बैठ गए। कार्यालय में ताले लगने से कामकाज ठप हो गया। दो घंटे तक आंदोलनकारी हंगामा काटते रहे और जरूरी काम से कार्यालय पहुंचे लोग उनके धरने से उठने का इंतजार करते रहे। तहसीलदार के मौके पर पहुंचने के बाद जब आंदोलनकारी धरने से उठे तो काम शुरू हुआ और लोगों को राहत मिली।




