Odisha Train Accident: उड़ीसा रेल हादसे में देवदूत बने RSS के स्वयंसेवक, घायलों के लिए किया 500 यूनिट रक्तदान बता दें कि इस ट्रेन हादसे में कोरोमंडल एक्सप्रेस, बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी शामिल रही. हादसे में सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है. वहीं आरएसएस ( राष्ट्रीय स्वयंसेवक ) ने राहत व बचाव सहित कई कार्यों में अहम भूमिका निभाई आइये विस्तार से बताते हैं आरएसएस ने कहा कहा भूमिका निभाई!
घायलों के लिए किया 500 यूनिट रक्तदान
बालासोर में शुक्रवार (2 जून) शाम को हुई भीषण रेल दुर्घटना के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सैकड़ों स्वयंसेवक राहत और बचाव कार्य में जुटे हुए हैं. संघ के स्वयंसवकों ने करीब 500 यूनिट रक्तदान किया है. बालासोर जिले के बहनागा रेलवे स्टेशन के पास हुए इस भीषण ट्रेन हादसे के बाद संघ के स्वयंसेवक तुरंत घटना स्थल पर पहुंच गए थे. एनडीआरएफ और प्रशासन की टीमें घटनास्थल पर पहुंचने से पहले ही यानी साढ़े सात बजे तक ही स्वयंसेवक वहां पहुंच गए थे. जहां पर दुर्घटना हुई उसके पास स्थित गांव बहनागा में संघ की शाखा होने के कारण शुरू में ही कम संख्या में स्वयंसेवक पहुंच गए थे, लेकिन रात तक आते-आते लगभग ढाई सौ स्वयंसेवकों ने दुर्घटना स्थल पर प्रशासन व राहत कार्यों में लगे जवानों की सहायता की.
घायलों को निकाला!
बता दें कि राहत बचाव में देरी ना हो, इसके लिए स्वयंसेवक तत्काल प्रभाव से ऑटो, मोटरसाइकिल से घायलों को अस्पताल ले जाने लगे. स्वयंसेवक रमेश विपरीत परिस्थितयों में बोगी के अंदर जा-जाकर पूरी रात घायलों को निकालते रहे और अन्य स्वयंसेवक उन्हें अस्पताल पहुंचाते रहे. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक प्रशासन व बचाव कार्यों में लगे विभिन्न एजेंसियों के जवानों के साथ मिल कर दुर्घटना में फंसे घायल यात्रियों को बाहर निकालने में सहायता की.
300 से अधिक स्वयंसेवकों ने रक्तदान किया
संघ के स्वयंसेवक फंसे घायल यात्रियों को निकालने के साथ-साथ उन्हें एंबुलेंस में बिठाने के कार्य में लगे रहे. घायल यात्रियों को अस्पताल ले जाने की शुरुआत होने के बाद बालासोर जिला अस्पताल में संघ पदाधिकारी उपस्थित रहे और उन्होंने सेवा कार्यों की निगरानी की. संघ पदाधिकारियों की देखरेख में स्वयंसेवकों ने रक्तदान देना शुरू कर दिया. यहां पर करीब 300 स्वयंसेवकों ने रक्तदान किया.
स्वयंसेवक राहत बचाव कार्य में लगे रहे
संघ के स्वयंसेवकों ने स्वयं रक्तदान करने के साथ-साथ घायल यात्रियों के लिए दूसरों लोगों से रक्तदान भी कराया. इसी तरह कुछ घायल यात्रियों को भद्रक जिला मुख्यालय अस्पताल व सोरो स्थित मेडिकल ले जाया गया. वहां भी संघ के स्वयंसेवकों ने मोर्चा संभाला. इन चिकित्सालयों मे भी स्वयंसेवकों ने रक्तदान किया और रक्त का इंतजाम किया. घटनास्थल से लेकर अस्पताल तक स्वयंसेवक राहत बचाव कार्य में लगे रहे. शवों को निकालकर एंबुलेंस तक पहुंचाना, घायलों को अस्पताल में भर्ती कराना, खून की व्यवस्था
करना
भोजन पानी की व्यवस्था की
भोजन पानी की भी व्यवस्था स्वयंसेवकों ने की.
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, हिंदू जागरण मंच, बजरंग दल, सेवा भारती के सैकड़ों कार्यकर्ता लगातार राहत बचाव कार्य में लगे रहे. इस भीषण दुर्घटना में जीवन खोने वाले यात्रियों के शवों को लेने में उनके परिजनों की सहायता में भी स्वयंसेवक लगे रहे. कटक के एससीबी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में भी संघ के सेवा विभाग से जुड़े स्वयंसेवक सक्रिय रहे. संघ के क्षेत्रीय सेवा प्रमुख जगदीश खाडंगा व प्रांत सेवा प्रमुख शांतनु माझी भी दुर्घटनास्थल पर उपस्थित थे और उनके प्रत्यक्ष देखरेख में यह कार्य किया गया.