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करनाल, हरियाणा!!
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले से देश सदमे में है. करनाल के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. 26 वर्षीय नेवी लेफ्टिनेंट विनय की मंगलवार 22 अप्रैल 2025 को आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस घटना ने ना केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. विनय की छोटी बहन सृष्टि नरवाल ने अंतिम संस्कार के दौरान हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से भावुक अपील की.
सीएम से विनय की बहन की भावुक अपील: रोते हुए विनय नरवाल की बहन सृष्टि ने कहा, “जिन आतंकियों ने मेरे भाई की जान ली, मुझे उनका सिर चाहिए. उनकी सजा ही हमें सुकून देगी.” यह घटना उस समय और भी दुखद हो गई जब सृष्टि ने बताया कि उनका भाई डेढ़ घंटे तक जिंदा था, लेकिन उसे कोई मदद नहीं मिली. अगर उसे मदद मिली होती तो वो जिंदा होगा.
शहीद विनय की बहन ने सीएम से की इंसाफ की मांग
मुख्यमंत्री ने किया कार्रवाई का वादा: करनाल के मॉडल टाउन श्मशान घाट में विनय नरवाल का अंतिम संस्कार हुआ, जहां मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी भी पहुंचे. सृष्टि ने जैसे ही मुख्यमंत्री से मुलाकात की, वह फूट-फूटकर रो पड़ी. उन्होंने गुस्से और दर्द के साथ कहा, “आतंकियों ने मेरे भाई से पूछा कि क्या वह मुसलमान है. जब भाई ने इनकार किया, तो उन्होंने उसे तीन गोलियां मारी.” मुख्यमंत्री ने सृष्टि को सांत्वना देते हुए कहा, “आपके भाई के हत्यारों को बख्शा नहीं जाएगा. सरकार इस मामले में कठोर कार्रवाई करेगी.” सैनी ने यह भी आश्वासन दिया कि आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी ताकि देश के इस वीर सपूत को न्याय मिले.
डेढ़ घंटे तक तड़पते रहे विनय नरवाल’:
सृष्टि ने रोते हुए बताया कि उनके भाई को गोली लगने के बाद डेढ़ घंटे तक तड़पता रहा, लेकिन घटनास्थल पर कोई मदद नहीं पहुंची. उन्होंने मुख्यमंत्री से सवाल किया, “सीएम साहब, वहां कोई क्यों नहीं आया? मेरा भाई इतनी देर तक तड़पता रहा.” इस दर्दनाक बयान ने वहां मौजूद सभी लोगों को भावुक कर दिया. सृष्टि का कहना था कि अगर समय पर मदद मिल जाती, तो शायद उनके भाई की जान बच सकती थी. इस घटना ने सुरक्षा व्यवस्था और स्थानीय सहायता तंत्र पर भी गंभीर सवाल खड़े किए हैं.
16 अप्रैल को हुई थी विनय की शादी:
लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की जिंदगी में खुशियों का दौर शुरू ही हुआ था. 16 अप्रैल 2025 को उनकी शादी हिमांशी नरवाल के साथ हुई थी. शादी के महज छह दिन बाद, 21 अप्रैल को यह नवविवाहित जोड़ा हनीमून के लिए जम्मू-कश्मीर के खूबसूरत पहलगाम पहुंचा था, लेकिन अगले ही दिन, 22 अप्रैल को आतंकियों ने विनय की जीवनलीला समाप्त कर दी. इस घटना ने न केवल विनय के परिवार, बल्कि उनकी नई-नवेली दुल्हन हिमांशी को भी गहरे आघात में डाल दिया. परिवार का कहना है कि विनय देशसेवा के प्रति समर्पित थे और हमेशा अपनी ड्यूटी को सर्वोपरि मानते थे




