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रिपोर्ट:- कमल किशोर जोशी
देहरादून उत्तराखंड
दिनांक 02अगस्त से निर्धारित गेस्ट टीचर्स का धरना शिक्षा निदेसालय में लगातार जारी है, तथा गेस्ट टीचर्स का लगातार पहुंचना जारी है। गेस्ट टीचर्स की मांग उनके पदों को रिक्त न माना जाय है। एक तरफ प्रदेश के अन्य टीचर्स अपने तबादलों के कारण इधर उधर हैं। दूसरी तरफ गेस्ट टीचर्स आंदोलन में हैं। ऐसे में दुर्गम स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो गई है, क्यों कि ये आंदोलन अभी कब तक चलेगा इसका कोई पता नहीं, क्यों कि गेस्ट टीचर का सरकार से साफ कहना है कि या तो हमारा भविस्य सुरक्षित करो, या हमें हमेशा के लिए हटा दो। क्योंकि हमें पिछले 03 साल से लगातार यही कहा जाता है कि आपका कार्य हो रहा है, जबकि आज तक धरातल पर हमारी एक भी मांग पर कोई आदेश नहीं हुआ। न वेतन बढ़ोतरी हुई, और न ही हमारे पद सुरक्षित हुए। उल्टा हमारा जून माह का वेतन भी रोक दिया गया है। परमानेंट टीचर्स को लाभ देने के लिए हमें 70% में गिना जा रहा है, जबकि पहले हमारे पदों को रिक्त दिखाकर जिस पद पर हम कार्यरत हैं उस पद पर टीचर्स के तबादले कर दिये। अब निदेशक महोदय द्वारा हमसे आंदोलन समाप्त करने की अपील की जा रही है, और कहा जा रहा है कि इससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। धरने पे बैठे बहुत से गेस्ट टीचर्स ने बात करने पर अपना दर्द बताया। कुछ ने बताया कि पहले हमें जून माह का वेतन नहीं दिया गया, हम लोग घर से दूर कार्यरत हैं, हमें वहाँ पे कमरा ले के रहना पड़ता है, कोई भी मकान मालिक जून का किराया तो नहीं छोड़ेगा, जबकि विभाग द्वारा वेतन ही नहीं दिया जा रहा है। हम पहले से ही दुविधा में थे, ऊपर से पहली बार काउंसिलिंग से तबादले करके 2000 गेस्ट टीचर्स को नौकरी से प्रभावित कर दिया गया। इस तरह से हमें आंदोलन के लिये मजबूर कर दिया गया। क्योंकि सारे आदेश हमारे खिलाफ ही निकाले जा रहे थे। गेस्ट टीचर्स संघटन के अभिषेक भट्ट और आशीष जोशी जी ने कहा है कि अब जब तक हमारी माँगो पे कोई आदेश नहीं होता है, तब तक धरना जारी रहेगा ।





