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नई दिल्ली
कतर में मौत की सजा पाने वाले 08 पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों ने अपनी रिहाई के बाद सुरक्षित भारत लौटने पर भारत सरकार और पीएम मोदी को इसका श्रेय दिया और कहा कि उनकी अथक कोशिशों का ही नतीजा है कि वे लोग आज अपने वतन वापस आ सके हैं. कथित तौर पर जासूस के आरोप में गिरफ्तार किए गए सभी आठ भारतीयों को कतर ने सोमवार देर रात रिहा कर दिया, जिसके बाद उनमें से सात भारत लौट आए हैं.
बता दें कि कतर से लौटे पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों में से एक ने सोमवार को एएनआई से कहा, “हमने भारत वापस आने के लिए लगभग 18 महीने तक इंतजार किया. हम प्रधानमंत्री के बेहद आभारी हैं. यह उनके व्यक्तिगत हस्तक्षेप के बिना संभव नहीं होता. हम भारत सरकार द्वारा किए गए हर प्रयास के लिए तहे दिल से आभारी हैं, उन प्रयासों के बिना यह दिन संभव नहीं होता.”
मीडिया जानकारी के अनुसार आपको बता दें कि एक अन्य पूर्व भारतीय नौसेना कर्मी ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी के हस्तक्षेप के बिना हमारे लिए यहां खड़ा रहना संभव नहीं था, यह भारत सरकार के निरंतर प्रयासों के कारण हुआ.” 2022 से कतर में कैद इन पूर्व नौसेना अधिकारियों पर कथित तौर पर एक पनडुब्बी कार्यक्रम को लेकर जासूसी करने का आरोप था. हालांकि, कतर ने अभी तक पूर्व नौसेना दिग्गजों के खिलाफ आरोपों को सार्वजनिक नहीं किया है.
विदेश मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा, “भारत सरकार कतर में हिरासत में लिए गए दहरा ग्लोबल कंपनी के लिए काम करने वाले आठ भारतीय नागरिकों की रिहाई का स्वागत करती है. उन आठ में से सात भारत लौट आए हैं. हम इन नागरिकों की रिहाई और घर वापसी को सक्षम करने के लिए कतर राज्य के अमीर के फैसले की सराहना करते हैं.”
गिरफ्तार किए गए भारतीय नौसेना के पूर्व आठ ऑफिसर कौन थे?
कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर अमित नागपाल, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता और नाविक रागेश गोपाकुमार ये आठ भारतीय नौसेना के वो पूर्व अधिकारी थे जिन्हें अगस्त 2022 में गिरफ्तार किया गया था. कतरी सरकार ने आरोप लगाया था कि कतर स्थित रक्षा सेवा प्रदाता कंपनी दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज द्वारा नियुक्त ये दिग्गज इज़रायल की ओर से एक पनडुब्बी कार्यक्रम के लिए जासूसी कर रहे थे.
दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टेंसी सर्विसेज एक निजी फर्म है जो देश के सशस्त्र बलों को प्रशिक्षण प्रदान करती है. भारतीय कतरी सरकार को पनडुब्बियों के अधिग्रहण पर सलाह देने में शामिल थे. फर्म ने एयरोस्पेस, सुरक्षा, रक्षा, सूचना प्रौद्योगिकी और संचार क्षेत्रों को भी सहायता समाधान प्रदान किए.
दहरा ग्लोबल ने पिछले साल अपना ऑपरेशन बंद कर दिया और उसके कर्मचारी, जो कि ज्यादातर भारतीय थे, अपने घर लौट आए. कंपनी चलाने वाले रॉयल ओमान वायु सेना के रिटायर्ड स्क्वाड्रन लीडर खामिस अल-अजमी थे. उन्हें गिरफ्तार भी किया गया, लेकिन नवंबर 2022 में रिहा कर दिया गया.
कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर के रूप में कार्यरत कमांडर पूर्णेंदु तिवारी (सेवानिवृत्त) को भारत और कतर के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने में उनके योगदान के लिए 2019 में प्रवासी भारतीय सम्मान से सम्मानित किया गया था. उन्हें भारतीय नौसेना के कई युद्धपोतों की कमान संभालने के लिए भी जाना जाता है
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