‘संजॉय घोष मीडिया अवार्ड 2023’ का परिणाम घोषित, उत्तराखंड बेटी महिमा जोशी भी सम्मान के लिये चयनित!
Hills Headline||
नई दिल्ली ||
मीडिया के रचनात्मक उपयोग के माध्यम से वंचित ग्रामीण समुदायों के सामाजिक और आर्थिक समावेशन की दिशा में काम करने वाली गैर-लाभकारी संगठन चरखा डेवलपमेंट कम्युनिकेशन नेटवर्क ने बुधवार 29 नवंबर को “संजॉय घोष मीडिया अवार्ड्स 2023” के दोनों श्रेणियों के कुल 6 विजेताओं के नामों की घोषणा कर दी है. इस वर्ष सभी पुरस्कार विजेता महिला लेखिका हैं. ज्ञात हो कि सभी श्रेणियों के लिए देश भर से कुल 53 आवेदन प्राप्त हुए थे. जिनमें श्रेणी 1 के लिए 15 और श्रेणी 2 के लिए 38 आवेदन प्राप्त हुए थे.
श्रेणी 1 की 2 विजेताओं में ओडिशा की स्वतंत्र पत्रकार ऐश्वर्या मोहंती और उत्तर प्रदेश की स्वतंत्र पत्रकार और फोटोग्राफर जिज्ञासा मिश्रा हैं वहीं श्रेणी 2 में चार विजेताओं का चयन किया गया है. जो क्रमशः केंद्रशासित क्षेत्र जम्मू कश्मीर के पुंछ से सैय्यदा तैयबा काज़मी, लद्दाख से कमरून निसा, उत्तराखंड के बागेश्वर जिला स्थित गरुड़ ब्लॉक के लामबगड़ से महिमा जोशी और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की युवा लेखिका ज्योति हैं. श्रेणी 1 की विजेताओं को प्रमाण पत्र के साथ पचास-पचास हज़ार रूपए और श्रेणी 2 की प्रति विजेताओं को प्रमाण पत्र के साथ पच्चीस-पच्चीस हज़ार रूपए प्रदान किये जाएंगे.
दोनों ही श्रेणियों में विजेताओं का चयन दो अलग अलग जूरी पैनल द्वारा किया गया है. श्रेणी 1 की जूरी पैनल में वरिष्ठ पत्रकार कविता अय्यर, पिछले 23 वर्षों से विभिन्न विश्वविद्यालयों में शिक्षण का अनुभव रखने वाले डॉ गौहर फ़ाज़ली और सामाजिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण निभाने वाली संस्था “श्रुति” की कार्यकारी निदेशक श्वेता त्रिपाठी शामिल थीं. जबकि श्रेणी 2 की जूरी पैनल में महिला एवं विकास, बाल सुरक्षा और संरक्षण में अग्रणी भूमिका निभाने वाली कश्मीर की वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता फराह ज़ैदी, चंबल अकेडमी की कोऑर्डिनेटर और खबर लहरिया की वरिष्ठ पत्रकार सुनीता और आईआईटी दिल्ली के मानविकी और सामाजिक विज्ञान विभाग में समाजशात्र की असिस्टेंट प्रोफ़ेसर मधुलिका सोनकर शामिल थी.
इस संबंध में चरखा की मुख्य कार्यकारी अधिकारी चेतना वर्मा ने बताया कि “यह पुरस्कार चरखा के संस्थापक संजॉय घोष से प्रेरित हैं, जिन्होंने मीडिया के रचनात्मक उपयोग के माध्यम से हाशिए के ग्रामीण समुदायों के सामाजिक और आर्थिक समावेशन की दिशा में काम किया है. उन्होंने बताया कि इस वर्ष चरखा ने अपने नियमों में परिवर्तन करते हुए श्रेणी 1 के विजेताओं का चुनाव उनके प्रकाशित आलेखों के आधार पर किया है. हालांकि इन आलेखों का थीम पिछले वर्ष की तरह ही महिला हिंसा, लिंग आधारित भेदभाव, महिला उद्यमिता और महिला सशक्तिकरण पर ही आधारित था.
जबकि श्रेणी 2 के नियमों में कोई बदलाव नहीं करते हुए पिछले वर्ष की तरह ही उन युवा अप्रशिक्षित किशोरी लेखिकाओं का चयन किया गया है जो हाशिये पर खड़ी महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर सक्रियता से लिखना चाहती हैं. यह श्रेणी लेखन के प्रति रुझान को बढ़ाने के लिए केवल युवा किशोरियों के लिए ही आरक्षित है. इन किशोरियों को अगले तीन महीनों में महिला हिंसा, लिंग आधारित भेदभाव, महिला उद्यमिता और महिला सशक्तिकरण पर ही आधारित तीन आलेख लिखने होंगे. इसके लिए मार्गदर्शन के रूप में चरखा उन्हें मेंटर भी प्रदान करेगा. इन लेखों के प्रकाशन का उद्देश्य ग्रामीण समुदायों में हाशिए पर रहने वाली किशोरियों और महिलाओं द्वारा अनुभव की गई संघर्ष और सफलता की कहानियों को सामने लाना है.
चेतना वर्मा ने बताया कि सभी विजेताओं को आगामी 07 दिसंबर, 2023 को नई दिल्ली स्थित इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर में आयोजित चरखा के 29वें स्थापना दिवस समारोह में मुख्य अतिथि द्वारा सम्मानित किया जायेगा.