भुवन चन्द्रजोशी
अल्मोड़ा
डिजिटल युग में उत्तराखंडी संगीत लगातार आगे बढ़ रहा है। हर दिन एक के बाद नये गीत रिलीज हो रहे है। उत्तराखंड में इन दिनों पहाड़ी गीतों की खूब धूम मची है, जहाँ पहाड़ के शादी-ब्याह, पार्टियों में हिंदी, पंजाबी, हरियाणवी जैसे डीजे गीतों की मांग होती थी वहां अब पहाड़ी गीतों की मांग है। लोग पहाड़ी डीजे गीतों में खूब थिरक रहे हैं। डीजे गीतों के साथ साथ उत्तराखंड के पौराणिक , लोकगीतों को भी खूब पसंद कर रहे हैं। बता दें कि उत्तराखंड के अल्मोड़ा जैंती के संजीव कांडपाल का हाल ही में रिलीज हुआ एक गीत जालिमा यूट्यूब सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। इस गीत की लोगों ने जमकर तारीफ की। इससे पहले भी गायक संजीव कांडपाल हिंदी गीतों में अपनी आवाज दे चुके है।
अल्मोड़ा जैंती के मूल निवासी संजीव कांडपाल मेरठ में रहकर अपनी कुमाउनी रीतिरिवाज़ों से जुड़े गाने लिख रहे हैं
गौरतलब है कि गायक संजीव कांडपाल इससे पहले भी हिंदी गीतों में अपनी आवाज दे चुके है। वह पहाड़ की संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रहे है। हर बार वह अपने गीतों में कुछ नया करने की कोशिश करते है। इससे पहले उन्होंने अपने हिंदी गीत से लोगों का दिल जीता था। वह लगातार अपने गीतों के माध्यम से उत्तराखंड के संगीत को संवार रहे है।
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