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न पैर हैं और न एक हाथ है. फिर सूरज तिवारी ने UPSC में 917वीं रैंक हासिल की, इस वक्त सबसे सबसे ज्यादा चर्चा में हैं सूरज,कारण जानोगे तो आप भी करोगे सैल्यूट!!

UPSC CSE Result



यूपीएससी द्वारा बीते मंगलवार को सिविल सेवा परीक्षा 2022 के नतीजों की घोषणा की गयी. इस परीक्षा में में शीर्ष चार में लड़कियां ही रहीं हैं.शीर्ष चार में स्थान प्राप्त करने वालों में इशिता किशोर, गरिमा लोहिया, उमा हरति एन. और स्मृति मिश्रा रहीं. वहीं मैनपुरी के दिव्यांग सूरज तिवारी ने यूपीएससी में परचम लहराया है. हालांकि सूरज की रैंक 917 रही है लेकिन आज देश में सबसे ज्यादा चर्चा सूरज की हो रही है यहाँ तक कि देश के दिग्गज नेताओं ने भी सूरज को हार्दिक बधाई देते हुए उज्ज्वल भविष्य की कामना की और Hills Headline भी सूरज को हार्दिक बधाई देता है चलिये जानते हैं आज सूरज तिवारी सबसे ज्यादा चर्चा में क्यों हैं
आपको बता दें कि सूरज तिवारी का जीवन काफी संघर्ष भरा रहा है. दरअसल, सूरज तिवारी 2017 में एक ट्रेन दुर्घटना के शिकार हो गए थे, जिसके बाद वो दिव्यांग हो गए. सूरज के न पैर हैं और न एक हाथ है. जबकि दूसरे हाथ में केवल तीन उंगलियां हैं. उनके पिताजी टेलर का काम करते हैं. सूरज तिवारी का परिवार मैनपुरी के कुरावली कस्बे का रहने वाला है. पिता का नाम राकेश तिवारी है, जो सिलाई की दुकान पर कपड़े सिलते हैं.


किसी ने दिया था धक्का



सूरज की पढ़ाई मैनपुरी कुरावली के महर्षि परशुराम स्कूल से शुरू हुई थी. जिसके बाद मैनपुरी के एसबीआर स्कूल में 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की. जिसके बाद ट्रेन में यात्रा के दौरान किसी ने धक्का मार दिया था, जिससे उनके दोनों पैर कट गए और एक हाथ भी कट गया. जबकि दूसरे हाथ की दो उंगली कट गई थी.
इसके बाद सूरज ने जेएनयू से रशियन की पढ़ाई की और आज यूपीएससी का रिजल्ट आया तो उनकी 917 रैंक थी. सूरज के एक्सीडेंट के बाद बड़े भाई राहुल तिवारी की मौत भी रेल हादसे में हो गई थी. घर का सारा भर सूरज पर ही रहा अब तक लेकिन कभी सूरज ने हार नही मानी
जिसका परिणाम आज पूरा देश देश रहा है
एक कहावत तो आपने सुनी ही होगी

“मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है”
आज घर में जश्न का माहौल है. बधाई देने वाले लोगों का तांता लगा हुआ है. वर्तमान में आईएएस सूरज के परिवार में मां-बाप के साथ एक बहन और दो भाई हैं.
बिषम परिस्थितियों में जब लोगों को लक्ष्य के सामने चुनौतियां मिलते हैं तो लोग रास्ते ही बदल डालते हैं वहीं सूरज ने ऐसे कठिन परिस्थितियो में ये मुकाम हासिल किया वाकय में देश के उन लोगों के प्रेरणा है जो थोड़ी सी परेशानी के चलते हिम्मत हार जाते हैं !

Hills Headline

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