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अब होगा हिसाब! पालघर में साधुओं की लिंचिंग मामले को CBI को ट्रांसफर करने की सुप्रीम कोर्ट ने दी इजाजत, कहा- हमें कोई आपत्ति नहीं

वर्ष 2020 में महाराष्ट्र के चर्चित मामला जब पालघर में दो साधुओं और एक अन्य शख्स की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या किए जाने के मामले की सीबीआई जांच का रास्ता साफ हो गया है। दरसअल सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि उसे इस जांच पर कोई आपत्ति नहीं है।
जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने 14 अप्रैल को अगली सुनवाई से पहले महाराष्ट्र सरकार से इस मामले पर एक हलफनामा दाखिल करने को भी कहा है। कोर्ट ने कहा कि सरकार हलफनामा दाखिल करे कि मामले को सीबीआई जांच के लिए भेजा जा रहा है।

एजेंसी द्वारा दिया गया सकारात्मक जवाब।

इस मामले की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने सीबीआई से पूछा कि क्या एजेंसी कथित लिंचिंग मामले की जांच के लिए तैयार है, जिस पर जांच एजेंसी ने सकारात्मक जवाब दिया।

महाराष्ट्र सरकार पहले ही जता चुकी है सहमति

महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार पहले ही पूरे मामले की सीबीआई जांच को लेकर सहमति जता चुकी है। पिछले ही हफ्ते कोर्ट को इस बारे में जानकारी भी दे दी गई थी। इससे पहले महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार ने कहा था कि सीबीआई जांच की जरूरत नहीं है।

क्या था पूरा मामला

16 अप्रैल 2020 को रात समय था जब पालघर के गडचिनचले गांव में भीड़ ने पुलिस की मौजूदगी में दो साधुओं कार रोकी और उन पर हमला कर दिया। इस दौरान पीट-पीटकर उनकी हत्या कर दी गई,तब पूरे हिन्दू समाज व संत समाज में बहुत आक्रोश था जगह जगह महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन होने लगे व तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को कुर्सी छोड़ने के लिये जवाब बनाया जा रहा था । मृतकों की पहचान चिकने महाराज कल्पवृक्ष गिरी , सुशील गिरी महाराज और निलेश तेलगड़े के रूप में की गयी थी। निलेश कार चला रहा था।

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