समाचार

सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी , जबरन धर्म परिवर्तन एक गंभीर मुद्दा, इसे राजनैतिक रंग देना गलत

https://youtube.com/@hillsheadline9979

नई दिल्ली



देश में धर्म परिवर्तन के मामलों को गंभीरता से लेते हुवे सुप्रीम कोर्ट सख्त , सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जबरन धर्म परिवर्तन एक गंभीर मसला है व इसे राजनीतिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए। जबरन और धोखा देकर धर्म परिवर्तन रोकने के लिए सख्त कानूनी प्रावधान किए जाने के खिलाफ दाखिल पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मामले में अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमानी से कहा है कि वह मामले में कोर्ट का सहयोग करें। अटॉर्नी जनरल से कहा कि हम आपका सहयोग चाहते हैं न्यूज सूत्रों के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एम आर शाह और जस्टिस सीटी रविकुमार की बेंच ने कवेंकटरमानी से कहा है कि वह इस मामले में सुनवाई के दौरान कोर्ट आएं और कोर्ट को सहयोग करें। बेंच ने अटॉर्नी जनरल से कहा कि हम आपका सहयोग चाहते हैं। जबरन या बहलाफुसलाकर अगर धर्म परिवर्तन कराया जाता है तो ऐसे मामले में सुनवाई के लिए आपके सहयोग की जरूरत है इसे रोकने के लिए क्या किया जाना चाहिए? इस पर अंकुश लगाने के लिए क्या कदम उठाए जाएं?
बेंच को आप अलग दिशा में न ले जाएं इस दौरान तामिलनाडु सरकार के वकील ने कहा कि याचिका राजनीति से प्रेरित है। इस पर कोर्ट ने ऐतराज जताया और कहा कि आपकी परेशानी अलग हो सकती है बेंच को आप अलग दिशा में न लेजाएं। हम देश के हर राज्य को लेकर चिंतित हैं। अगर यह सब आपके राज्य में हो रहा है तो यह गलत है। इस मामले को राजनीतिक रंग न दें। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। देश की सुरक्षा को लेकर उठा था सवाल

जाने क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने


सुप्रीम कोर्ट में केंद्र ने कहा था कि किसी भी यह अधिकार नहीं है कि वह दूसरे के धर्म का परिवर्तन करे। सुप्रीम कोर्ट में केंद्र ने हलफनामा दायर कर कहा कि जबरन धर्म परिवर्तन गंभीर विषय है। पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जबरन परिवर्तन गंभीर मसला है और इससे देश की सुरक्षा प्रभावित हो सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने उक्त टिप्पणी करते हुए केंद्र सरकार से जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान जवाब दाखिल करने को कहा था।,23 सितंबर को जबरन और धोखा देकर धर्म परिवर्तन रोकने के लिए सख्त कानूनी प्रावधान किए जाने के खिलाफ दाखिल पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा था। याचिकाकर्ता अश्विनी उपाध्याय ने अर्जी दाखिल कर कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के अनुच्छेद-14, 21 व 25 के तहत फर्जी तरीके से धर्म परिवर्तन कराने या फिर धमकी देकर या डराकर धर्म परिवर्तन कराया जाना अपराध घोषित किया जाए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button