देवभूमि की बेटी किरन नेगी
के हत्यारों को फाँसी में झूलना ही होगा,माता-पिता ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की पुनर्विचार याचिका

दिल्ली के छावला इलाके में देवभूमि उत्तराखंड की 19 साल की बेटी किरण नेगी का अपहरण कर गैंगरेप और फिर बेहद क्रूरता से हत्या कर देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में पुर्नविचार याचिका दाखिल हुई है. पीड़ित परिवार ने सुप्रीम कोर्ट से 9 नवंबर के दिए उस फैसले पर पुनर्विचार की मांग की है, जिसमें कोर्ट ने तीनों आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था. इस केस में निचली अदालत से लेकर हाईकोर्ट ने दोषियों को फांसी की सजा मुकर्रर की थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस की जांच और ट्रायल पर सवाल उठाते हुए सन्देह का लाभ देते हुए दोषियों को बरी कर दिया गया था. आरोपियों को बरी करना बड़ी नाइंसाफी’ इस मामले में पीड़ित परिवार की ओर से दायर पुर्नविचार अर्जी में कहा गया है कि इस मामले में आरोपियों की अर्जी पर सुनवाई के दौरान कई अहम तथ्य कोर्ट के सामने नहीं लाए गए, कई तथ्यों की गलत व्याख्या की गई. याचिका में कहा गया है कि इस मामले में घटनाक्रम की कड़ियां आपस में जुड़ती है. आरोपियों की पहचान और उनकी भूमिका को साबित करने के लिए पुख्ता सबूत है लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में यह बात समझने में भूल की है. याचिका में कहा गया है कि आरोपियों के खिलाफ इतना पुख्ता केस होने के बावजूद अगर दोषियों को आजाद छोड़ दिया जाता है तो ये पीड़ित लड़की, उसके परिजनों और पूरे समाज के साथ एक बड़ी नाइंसाफी होगी. गौरतलब है कि पीड़ित परिवार को पुनः न्याय का भरोसा दिलाने के लिये पूरा उत्तराखंड समाज , उत्तराखंड सरकार , विपक्ष ने एकजुट होकर पुनः याचिका माँग कर आरोपियों को सख्त से सख्त सजा की माँग की थी , इस मामले में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी बहुत सक्रिय रहे !






