उत्तराखंडसमाचार

व्यक्तिगत नागरिक मामलों को नियंत्रित करने वाले कानून समान नागरिक संहिता पर काफी संख्या में उपस्थितियों से सुझाव आमंत्रित किये, इस प्रकार के सुझाव मिले बुद्धिजीवियों की तरफ से !

रूद्रपुर14 अक्टूबर ,2022- व्यक्तिगत नागरिक मामलों को नियंत्रित करने वाले कानून व समान नागरिक संहिता पर गठित विशेषज्ञ समिति ने अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रमानुसार डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम सभागार पहुॅचकर क्षेत्र के आम नागरिकों, गणमान्य व्यक्तियों, महिलाओं, विद्यार्थियों, शिक्षकों, वकीलों, एवं बुद्धिजीवियों के साथ विस्तार से परिचर्चा की। परिचर्चा में 203 व्यक्तियों द्वारा प्रतिभाग करने के साथ ही बुद्धिजीवियों द्वारा विभिन्न बिन्दुओं पर अपने-अपने विचार समिति के समक्ष रखे, जिन्हों समिति द्वारा रिकार्ड किया गया। समिति के सदस्य शत्रुघन सिंह, डा.सुरेखा डंगवाल, डा.मनु गौड़ ने बताया कि समिति जनपदों का भ्रमण कर लोगों को समान नागरिक संहिता की जानकारी दे रही है और सभी के सुझाव प्राप्त कर रही है। समिति पूरे राज्य में भ्रमण कर आम लोगों से परिचर्चा करते हुए विवाह एवं तलाक, संरक्षण, विरासतन एवं उत्तराधिकार, गोद लेना, संपत्ति का अधिकार आदि विषयों पर सभी के विचार और सुझाव एकत्रित कर रही है, ताकि सभी की अनुकूलता के हिसाब से समान कानून तैयार हो और आने वाली पीढ़ी को इसका लाभ मिले। समिति सदस्य मनु गौड़ ने बताया कि कोई भी व्यक्ति वेबपोटर्ल नबबण्नाण्हवअण्पद  ईमेल-  वििपबपंस.नबब/नाण्हवअण्पद  और डाक पता- ‘कार्यालय विशेषज्ञ समिति, समान नागरिक संहिता, राज्य अतिथि गृह, निकट राजभवन, देहरादून-248001’ पर भी अपने सुझाव दे सकते है। सुझाव रखने वाले यक्तियों में भारत भूषण चुघ ने महिलाओं को समान अधिकार दिये जाने, एडवोकेट चरनजीत सिंह ने बहु विवाह तथा समलैंगिकता पर पूरी तरह प्रतिबन्ध लगाने व आपसी सहमति के आधार पर तलाक को अनुमन्य करने का सुझाव दिया। जिला बार एसोशिएशन के अध्यक्ष दिवाकर पाण्डे ने समलैंगिकता तथा लिव इन रिलेशन को मान्यता न देने का सुझाव दिया, विकास शर्मा ने नागरिकों एवं युवा पीढ़ी के भविष्य का ध्यान रखते हुए समान नागरिक संहिता ड्राफ्ट में विभिन्न सामाजिक पहलुओं का समाहित करते हुए राज्य में तत्परता से समान नागरिक संहिता लागू करने का सुझाव दिया। एडवोकेट राकेश कुमार ने समाज के सभी वर्गों एवं पहलुओं का अध्ययन करते हुए समान नागरिक संहिता लागू करने के सुझाव दिया। डॉ.राजीव सेपिया ने सुझाव दिया कि खून के रिश्तों में शादियां नहीं होनी चाहिएं।मौलाना ज़ाहिद रज़ा रिज़वी ने विभिन्न तर्क देते हुए कहा कि अल्पसंख्यक वर्ग समान नागकिरता संहिता के पक्ष में नहीं हैं।इस दौरान जिलाधिकारी युगल किशोर पन्त, अपर जिलाधिकारी डॉ.ललित नारायण मिश्र, जय भारत सिंह, उप जिलाधिकारी प्रत्यूष सिंह, मनीष बिष्ट, जिला समाज कल्याण अधिकारी अमन अनिरूद्ध सहित अमित नारंग,विनय भदौरिया, अजय कुमार, राम बाबू, विजयभान, डॉ.मनदीप, डॉ. गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।


Related Articles

One Comment

  1. Ham is Bil Ka Phool samarthan karte hain khulkar jald se jald Lagu Hona chahie Jay Shri Ram Har Har Mahadev ji

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button