अतिथि शिक्षकों के पदों को भी रिक्त माना जाएगा,स्थायी शिक्षक की नियुक्ति होते ही अतिथि शिक्षक को अपने लिए दूसरी स्कूल की तलाश करनी पड़ेगी।
उत्तराखण्ड!!
Hills Headline!!
अतिथि शिक्षकों का हाल
अतिथि शिक्षकों के पदों को भी रिक्त माना जाएगा। स्थायी शिक्षक की नियुक्ति होते ही अतिथि शिक्षक को अपने लिए दूसरी स्कूल की तलाश करनी पड़ेगी। प्रदेश में करीब 4 हजार अतिथि शिक्षकों का जीवन लगभग खाना बदोश बना हुआ है। प्रमानेंट शिक्षक के आते ही उन्हें अपने लट्टी-पट्टी लेकर दूसरी तरफ कूच करना पड़ता है या फिर घर वापस आना पड़ रहा है। फिलवक्त अतिथि शिक्षकों को लेकर सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया है। अतिथि शिक्षक गुस्से में है और उनका गुस्सा कभी भी आंदोलन बनकर फूट सकता है। एक तरफ उत्तराखंड बोर्ड के रिजल्ट में उनके योगदान की सराहना की जाती है, दूसरी तरफ प्रोमोशन और तबादले से उन्हें एक जगह से दूसरी जगह कर दिया जायेगा, शायद कुछ को तो अपने घर ही बैठना होगा, सरकार निर्णय लेना तो दूर, एक मीटिंग भी नहीं करवा पा रही है, एक आंदोलन बहुत जल्दी देखने को मिलेगा, जिसका नुकसान दुर्गम में पढ़ने वाले बच्चों को होगा, आज कोर्ट भी मान चुका है कि इनके कारण पहाडों में पढाई में सुधार हुआ है, परंतु एक स्कूल से दूसरे स्कूल में जाने में जो समय लगता है, और नई जगह शिफ्ट होने में और पढ़ाई में ढलने में जो समय लगता है, उसका नुकसान बच्चों को होता है, परंतु विभाग को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, सरकार और विभाग को इन सारे मुद्दों को ध्यान में रखकर तुरंत निर्णय लेना चाहिए, और इनके भविस्य के बारे में जरूर सोचना चाहिए।