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दुःखद :- सरहद पर पेट्रोलिंग के दौरान उत्तराखंड का लाल शहीद!

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दुःखद :- सरहद पर पेट्रोलिंग के दौरान उत्तराखंड का लाल शहीद!


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उत्तकाशी,उत्तराखंड!!


राज्य के लिए बेहद दुखद खबर सामने आ रही है। उत्तकाशी के कुमराड़ा गांव निवासी भारतीय सेना की गढ़वाल स्काउट में राइफलमैन शैलेंद्र सिंह कठैत ड्यूटी के दौरान वीरगति को प्राप्त हो गए।यहां ड्यूटी के दौरान उत्तरकाशी के निवासी राइफलमैन शैलेन्द्र कठैत वीरगति को प्राप्त हो गए। शहीद शैलेन्द्र उत्तरकाशी के कुमराड़ा गांव के रहने वाले थे।

बताया जा रहा है कि राइफलमैन शैलेन्द्र कठैत भारतीय सेना की गढ़वाल रेजीमेंट में तैनात थे। ड्यूटी के दौरान वो वीरगति को प्राप्त हुए। उनके निधन की सूचना से उनके गांव में शोक की लहर है। बुद्धवार को बलिदानी राइफलमैन शैलेंद्र का पार्थिव शरीर गांव लाया जाएगा। यहां पैतृक घाट पर सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार होगा।

बताया जा रहा है कि राइफलमैन शैलेंद्र सिंह कठैत के बलिदान की सूचना से गांव व क्षेत्र में शोक की लहर है। बुधवार को बलिदानी राइफलमैन शैलेंद्र का पार्थिव शरीर गांव लाया जाएगा। जहां पैतृक घाट पर सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार होगा।

भारत- चीन सीमा पर पेट्रोलिंग के दौरान सेना के जवान का ग्लेशियर से पैर फिसलने से बलिदान हो गया। बलिदानी 28 वर्षीय शैलेंद्र विकास खंड चिन्यालीसौड़ के कुमराड़ा गांव के निवासी थे।शैलेंद्र गढ़वाल राइफल के गढ़वाल स्काउट में जोशीमठ में तैनात थे।

सोमवार को शैलेंद्र के परिवार को आर्मी के अधिकारी ने बताया कि शैलेंद्र की गोल्डुंग पोस्ट नीती के पास बॉर्डर पर पेट्रोलिंग ड्यूटी के दौरान हुए बलिदान की जानकारी दी।उन्होंने बताया कि शैलेंद्र पेट्रोलिंग के लिए साथियों के साथ जा रहे थे तो अचानक उसका पैर फिसल गया और वह ग्लेशियर की पहाड़ी से गिर गये, जब तक उनको निकाला गया, तब शैलेंद्र का बलिदान हो चुका था।
शैलेंद्र के मामा ओम प्रकाश ने बताया कि 2 महीने पहले ही बलिदानी शैलेंद्र के पिता कृपाल सिंह कथैत की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। शैलेंद्र 22 नवंबर को छुट्टी काट कर गया था। वह यह कह कर गया था कि नया मकान बनाना है। उन्होंने बताया कि शैलेंद्र घर का इकलौता चिराग था। उसकी दो छोटी बहने हैं।
दो माह पहले ही उसके पिता कृपाल सिंह कठैत के निधन पर वह घर आए थे। यहां पिता का अंतिम संस्कार कर ड्यूटी पर लौटा थे। उनके बलिदान से उसकी पत्नी अंजू और मां ध्यान देई का रो-रोकर बुरा हाल है। शैलेंद्र की पांच और एक वर्ष की दो छोटे बच्चे हैं।
शैलेंद्र के शहीद होने पर जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण सहित ग्राम प्रधान कुमराडा विनोद पुरसोडा, पूर्व प्रमुख विजेंद्र रावत,पूनम रमोला,शीशपाल रमोला ने शोक व्यक्त किया है.परिजनों ने बताया कि उनका अंतिम संस्कार को उनके पैतृक घाट कुमराड़ा में सैनिक सम्मान के साथ किया जाएगा

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