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मूल निवास 1950 , भू कानून उत्तराखंड की पहचान है – मनोज तिवारी

मूल निवास 1950 , भू कानून उत्तराखंड की पहचान है – मनोज तिवारी


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सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर मनोज तिवारी ने कहा कि मूल निवास 1950 हम उत्तराखंडी लोगो को पहचान है। ना केवल मूल निवास , बल्कि हम पहाड़ियों को अपना अस्तित्व बरकरार रखना है तो हमको भू कानून ,मूल निवास 1950,इनर लाइन परमिट और अनुच्छेद 371 हर हाल में चाहिए। मूल निवास को पूर्व से मंजूरी ना होने पर कांग्रेस ने लगातार अपने वोट बैंक के लिए बाहरी प्रदेश से लोगो को अनैतिक तरह से उत्तराखंड में बसाया है। उन्होंने कहा कि इस पर बीजेपी के कही कद्दावर नेता भी शामिल है।। राज्य के निवासियों की नौकरी का हक बाहरी राज्यों के लोगो को दिया जा रहा है। आए दिन पहाड़ों में जमीनों पर लगातार कब्जे हो रहे है। देहरादून में कही तरीके के बांग्लादेशी मुस्लिम लगातार कब्जा कर रहे हैं उत्तराखंड में कहीं अपराधों में उनकी साझेदारी है लगातार उत्तराखंड को एक तरफ से जिहाद की तरफ लेकर जाया जा रहा है, दिल्ली हरियाणा उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों के बड़े से बड़े पॉलीटिकल भू माफिया , खनन माफिया, आकर उत्तराखंड की वन भूमि पर कब्जा और कई तरीके से नदियों अवैध खनन कर रहे हैं जिससे आने वाले समय में बारिश के समय राज्य के ऊपर कहीं आपदाओं से गुजरना पड़ता है, हमें अगर अपने प्रदेश को बचाना है तो हमको भू कानून मूल निवास 1950 इनर परमिट लाइन और अनुच्छेद 371 को हर हाल में उत्तराखंड में प्रभाव से लागू करना पड़ेगा!
उन्होंने कहा कि आज बड़ा दुख हुआ कि यह कांग्रेस का चेहरा में देखा कारण महारानी जिस तरह से अपना मूल निवास 1950 को गैर जिम्मेदार माना इससे कांग्रेस का चेहरा भी आज सामने आ गया है क्योंकि माननीय मुख्यमंत्री जी ने आप पर सचिव आदरणीय जी को मूल निवास 1950 पर भुकानून पर काम करने के लिए बेंच तैयार करने को कहा और और वहीं कांग्रेस के करण मेहरा अपने विरोध के सुर में है। कांग्रेस ने पूरी तरीके से उत्तराखंड को खोखला कर दिया अब स्वयं आम पहाड़ी को जागना पड़ेगा और आने वाले समय में कांग्रेस को उसकी कीमत चुकानी पड़ेगी !


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