तुर्की-सीरिया में भूकंप से 9,500 मौतें,हालात देखकर रौंगटे खड़े हो जाएंगे!!
तुर्की और सीरिया इस बार विश्व के कई देशों में भूकंप को लेकर भय का माहौल बना हुआ है वहीं तुर्की और सीरिया भूकंप से वहाँ के लोगों का जीवन अस्त व्यस्त हो गया है . जोरदार भूकंप आने के कारण क्षतिग्रस्त हुईं इमारतों के नीचे दबे लोगों को बचाने की मुहिम तेज गति से चल रही है. मगर, इन इलाकों में पड़ रही कड़ाके की ठंड समस्या को और बढ़ा रही है. मिली ख़बरों के मुताबिक, भूकंप से अब तक 9,500 से अधिक लोगों के मारे जाने की सूचना है. वहीं सर्दी भी इन दोनों देशों के लोगों पर सितम ढा रही है. भूकंप के झटकों से बेघर हो चुके इन दोनों देशों के लोग ठंड से बचने के लिए सड़कों पर आग जलाकर खुद को गर्म रखने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि, इस त्रासदी के बीच कुछ असाधारण घटनाएं भी हुईं हैं.
“यह अब समय के खिलाफ दौड़”
ठंडी बारिश और हिमपात उन लोगों के लिए एक जोखिम है, जिन्हें अपने घरों से बेघर होने पर मजबूर होना पड़ा है. ज्यादातर भूकंप प्रभावित लोगों ने मस्जिदों, स्कूलों या बस आश्रयों में शरण ली है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने कहा, “यह अब समय के खिलाफ दौड़ है.” उन्होंने कहा, “हमने घायलों और सबसे कमजोर लोगों के लिए आवश्यक स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने के लिए आपातकालीन चिकित्सा टीमों के डब्ल्यूएचओ नेटवर्क को सक्रिय कर दिया है.”
नंगे हाथों से तलाश रहे अपनों को
वाशिंगटन और यूरोपीय संघ ने सोमवार को कहा कि उनके द्वारा समर्थित मानवीय कार्यक्रम सीरिया में भी चल रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र की सांस्कृतिक एजेंसी यूनेस्को ने यह भी कहा कि सीरिया और तुर्की में अपनी विश्व विरासत सूची में सूचीबद्ध दो स्थलों के क्षतिग्रस्त होने के बाद वह सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है. यूनेस्को ने कहा कि अलेप्पो के पुराने शहर और दक्षिणपूर्वी तुर्की शहर दियारबाकिर में किले को नुकसान के अलावा, कम से कम तीन अन्य विश्व धरोहर स्थल प्रभावित हो सकते हैं. उत्तरी सीरिया का अधिकांश भूकंप प्रभावित क्षेत्र पहले ही वर्षों के युद्ध और सीरियाई और रूसी सेना द्वारा हवाई बमबारी से नष्ट हो चुका है, जिसने घरों, अस्पतालों और क्लीनिकों को नष्ट कर दिया है. उत्तरी सीरिया में भूकंप से तबाह हुए जंडेरिस शहर के निवासियों ने जीवित बचे लोगों की तलाश के लिए अपने नंगे हाथों और कुदाल का इस्तेमाल किया.