

जिला वन पंचायत परामर्शदात्री समिति ने 5 सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा !

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जिला वन पंचायत परामर्शदात्री समिति के अध्यक्ष गणेश चन्द्र जोशी नेतृव में समिती के पदाधिकारियों ने विभिन्न मांगो को लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा ! दिए गए ज्ञापन के अनुसार समिती के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड का वन पंचायती सरपंच अपनी सुव्यवस्थित वन पंचायती प्रबन्धन व्यवस्था हेतु पांच सूत्रीय मांगों के साथ एक आशावादी ठोस नीतिगत संवैधानिक कार्यवाही हेतु आपके पटल पर प्रार्थनीयता के साथ खड़ा है
1.जिसमे निम्न संवैधानिक मांगे उल्लेखित है।
उत्तराखण्ड की वन पंचायतो का सशाक्तिकरण कर मुख्यधारा के साथ संवैधानिक दर्जा देकर प्रति वर्ष वित्तीय व्यवस्था की सुनचिश्चिता सुनिश्ति हो ।
- प्रदेश के वन प्रहरी सरपंचों में से प्रदेश वन पंचायत सलाहकार परिषद के अतिशीघ्र गठन की सुनचिश्चिता सुनिश्ति हो ।
- सरपंचो को वनाग्नि सुरक्षा सामाग्री के साथ जीवन बीमा व मानदेय एवं वनपंचायती विकास और वनाग्नि अवरोधक प्रशिक्षण के प्रावधान की सुनचिश्चिता सुनिश्ति हो ।
- वन पंचायतो में वन विभाग और उसकी ठेकेदारी व्यवस्था का हस्तक्षेप समाप्त कर वन पंचायतो को स्वतंन्त्र एंव स्वस्थ स्वायत्तधारी घोषित करने की सुनचिश्चिता सुनिश्ति हो ।
5.वन नियमावली में सरपंच सदस्यो कि उपस्थिति में अंग्रेजी कमीश्नरी शासन काल के कानूनों को समाप्त कर ठोस आधुनिक वन कानूनो का गठन कर अधिनियम एक्ट में परिवर्तन कि सुनचिश्चिता सुनिश्ति हो
सादर आशा सहित श्रीमान की सेवा में प्रार्थना पत्र प्रेषित अनुरोध है कि दिनांक 13 अक्टूबर 2024 तक समाधान नही हुआ तो 14 अक्टूबर 2024 से सरपंच गण धरनास्थल देहरादून में धरना प्रदर्शन में बैठ जाएंगे।




