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सिस्टम की लापरवाही की शिकार बने मां बेटा,खुले नाले में गिरने से हुई मां बेटे की मौत ,मां व बेटे को एक साथ दी विदाई तो रो पड़ा पूरा क्षेत्र।

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सिस्टम की लापरवाही की शिकार बने मां बेटा,खुले नाले में गिरने से हुई मां बेटे की मौत ,मां व बेटे को एक साथ दी विदाई तो रो पड़ा पूरा क्षेत्र।


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चौखुटिया (अल्मोड़ा)


चौखुटिया के भटकोट अंतर्गत चौन्दे निवासी 24 साल की तनुजा ने चार साल पहले जिस बेटे को जन्म दिया आज अपने उसी लाडले के साथ अपने घर के आंगन से अंतिम विदा ली। आगे- आगे मां की अर्थी चल रही थी तो पीछे कपड़े में लिपटा प्रियांशु था। दोनों को विदाई देने गम में डूबा पूरा गांव व निकटवर्ती क्षेत्र के लोग पहुंचे थे। इस दौरान तनुजा के ससुर गिरधर बिष्ट, सास पुष्पा देवी,जम्मू से पहुंचे जेठ ,जेठानी व अन्य परिजनों की आंखों से कभी न रुकने वाली आंसुओं की धार बह रही थी।

सिस्टम की लापरवाही के शिकार बनी तनुजा अभी खुद बच्ची थी किसी ने सोचा भी नही था कि महज 24 साल की उम्र में ही वह अपने बच्चे के साथ परिजनों को रोता विलखता छोड़ इस संसार से विदा हो जाएगी। उनकी असामयिक मौत से गेवाड़ घाटी में हर कोई स्तब्ध है दुखी और स्तब्ध है। लोगों को इस बात का बहुत गुस्सा है कि देश की राजधानी से लगे क्षेत्र में प्रशासन की लापरवाही ने दो लोगों की जिंदगी लील ली। एक पति से उसकी पत्नी व बेटा छीन लिया तो एक बुजुर्ग से उनकी बहू और पोता छीन लिया। अंतिम संस्कार से पहले घर के कमरे में साथ साथ लेटाये गए मां तनुजा व प्रियांशु को देखकर ऐसा नही लग रहा था कि वे हमेशा हमेशा के लिए चले गए होंगे। यही लग रहा था कि जैसे सोए हैं और कुछ ही देर बाद उठ जाएंगे.प्रियांशु के दादा, दादी व ताई बार बार दोनों के चेहरे को सहलाते हुए निहार रहे थे।

परिवारजनों का कहना है कि विधाता की गति ही कुछ ऐसी है एक दिन सबको दुनियां से जाना ही है परन्तु जिस नकारा सिस्टम की भेंट ये दोनों चढ़े हैं उसे कतई बर्दाश्त नही किया जा सकता है। लचर सिस्टम जो चले गए उन्हें तो नही लौटा सकता है। कहा कि लेकिन इस मामले की उच्च स्तरीय जांच के साथ इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। परिवार के साथ न्याय होना चाहिए। परिवार को मुआवजा व पीड़ित पति को सरकारी नौकरी मिलनी चाहिए।

जिगर के टुकड़े को अंतिम समय तक पकड़े रही मां⤵️

दिल्ली -यूपी की सीमा गाजीपुर में गेवाड़ घाटी की 24 साल की तनुजा व उनका तीन साल का बेटा प्रियांशु प्रशासन की लापरवाही की भेंट चढ़ गए.तनुजा अपने कलेजे के टुकड़े की अंत तक पकड़ी रही.बताया गया कि मां बेटे के लिपटे शव जब देर रात नाले से निकाले गए तो लोगों के साथ ही सुरक्षा कर्मियों की आंखें भी नम हो गई.

मिली जानकारी के अनुसार बुधवार को तेज बारिश से सड़क व खुले नाले का पानी एक समान हो गया, तनुजा अपने तीन साल के बेटे प्रियांशु को गोद में लेकर सड़क से गुजर रही थी जो खुले नाले में जा गिरी। बाद में दोनों के शव कुछ किमी की दूरी पर बरामद किए गए तनुजा ने आखिरी सांस तक अपने जिगर के टुकड़े का साथ नही छोड़ा। जानकारी के अनुसार तनुजा गाजियाबाद की खोड़ा कॉलोनी में अम्बेडकर नगर-प्रकाश नगर गली नम्बर चार में पति गोविंद बिष्ट के साथ रहती थी. पति निजी कंपनी में नौकरी करते हैं. बताया गया कि बुधवार को बारिश शुरू होने से पहले तनुजा बेटे को लेकर मयूर विहार फेज तीन में सामान लेने गई थी इस दौरान ये हादसा हो गया।

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