छात्रसंघ चुनावों में कुमाऊँ के सबसे बड़े महाविद्यालय में रश्मि लमगड़िया को मिल रहा है अपार समर्थन..

उत्तराखंड में छात्रसंघ चुनावों को जोर चल रहा है। देश की राजनीति की प्रथम सीढ़ी कहे जाने वाले चुनावों में छात्रनेता बढ़ चढ़कर भाग्य आजमाते हैं। कोविड काल के लंबे अंतराल के बाद इस बार उत्तराखंड में छात्रसंघ चुनाव होने जा रहे हैं।
कुमाऊँ के सबसे बड़े महाविद्यालय मोतीराम बाबूराम स्नातकोत्तर महाविद्यालय की बात करें तो यहाँ का चुनाव हमेशा से ही काफी चर्चित चुनाव रहा है। यहाँ से चुनाव जीतकर कई छात्रनेता प्रदेश और देश की राजनीति में स्थापित हुए हैं।
2022 के चुनावों की बात करें तो इस बार महाविद्यालय एक इतिहास रचने की ओर अग्रसर है। 5 साल से अभाविप से जुड़कर छात्रहितों में कार्य करने वाली रश्मि लमगड़िया ने अभाविप से टिकट की दावेदारी पेश की थी लेकिन संगठन ने अंतिम क्षणों में कौशल बिरखानी को अधिकृत प्रत्याशी घोषित कर दिया। इस बात से नाराज रश्मि लमगड़िया ने अपने सैकड़ों साथियों के साथ अभाविप से इस्तीफा दे दिया और निर्दलीय अध्यक्ष पद के लिए नामांकन कर दिया। रश्मि एक बहुत ही संघर्षशील छात्रा रहीं हैं। अभाविप के द्वारा उनका टिकट काटे जाने से कई लोगों को आश्चर्य हुआ। लोगों ने भाजपा के छात्र विंग अभाविप को आड़े हाथों लेते हुए इस संगठन को महिला विरोधी तक बता दिया।
रश्मि के निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला काफी हद तक सही साबित होता दिख रहा है। कई पूर्व छात्र नेताओं सहित, कई सामाजिक संगठनों तथा बुद्धिजीवियों ने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर रश्मि लमगड़िया समर्थन देकर वोट की अपील की है। रश्मि का समर्थन में टीम घुघुती जागर के राजेन्द्र ढैला व गायक राजेन्द्र प्रसाद, कई क्षेत्रीय कलाकारों, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष ललित पंवार, वंदेमातरम ग्रुप के संस्थापक शैलेन्द्र दानू, यूथ आइकॉन अवॉर्ड से सम्मानित भूपेंद्र कोरंगा, पहाड़ी आर्मी संगठन के संस्थापक हरीश रावत, योगेश बहुगुणा सहित हजारों छात्र छात्राओं ने वोट की अपील की है।
वैसे तो छात्रसंघ अध्यक्ष पद का ताज किसके सिर सजेगा ये आज शाम को साफ हो जाएगा लेकिन धरातल की स्थिति देखकर रश्मि लमगड़िया का पलड़ा abvp और nsui से भारी लग रहा है।




